राजस्थान के SDM भूपेंद्र यादव ने किसान को मारी लात, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा: देखें वायरल वीडियो

SDM ने किसान को मारी लात (साभार: सोशल मीडिया)

राजस्थान के जालोर जिले में एसडीएम द्वारा किसान को लात मारे जाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। SDM भूपेंद्र यादव ने नरसिंह राम चौधरी नाम के एक किसान को लात मार दी। इसके बाद घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से एसडीएम अपनी लात से किसान को मार रहा है (जानबूझ कर “रहे हैं” नहीं लिखा गया है क्योंकि इससे सम्मान बढ़ता है और SDM भूपेंद्र यादव कम से कम इस घटना की रिपोर्ट में सम्मान के लायक नहीं)। इस घटना के बाद गुस्साए किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई।

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दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि हाथापाई की नौबत आ गई। काफी कोशिशों के बाद पुलिस ने गुस्साए गाँव वालों को शांत कराया। दरअसल किसान भारत माला प्रोजेक्ट (Bharat Mala Project) के तहत मुआवजे की माँग कर रहे थे। अमृतसर से जामनगर की तरफ बनने वाले एक्सप्रेस-वे का काम गुरुवार (जुलाई 15, 2021) को ही शुरू हुआ था। इसी दौरान ग्रामीणों ने वहाँ पहुँच कर काम को रुकवा दिया।

जब एसडीएम भूपेंद्र यादव इसका मुआयना करने पहुँचा, तो एक किसान जेसीबी के आगे बैठ गया। इसी बीच एसडीएम एक अन्य किसान को उँगली दिखाते हुए उसकी ओर बढ़ गया। तभी एक ग्रामीण ने पुलिसकर्मी के हाथ से लाठी छुड़ाने की कोशिश की, तो एसडीएम ने उसे लात मार दी। इसके बाद वहाँ माहौल तनावपूर्ण हो गया।

SDM भूपेंद्र यादव लगा रहा ग्रामीणों पर हमले का आरोप

SDM का आरोप है कि ग्रामीण उस पर लाठी से हमला करने वाले थे, इसीलिए बचाव में उसने लात मारी। सांचौर पुलिस थाने में राजकीय कार्य में बाधा डालने को लेकर किसानों पर मामला दर्ज किया गया है। लात मारे जाने के बाद गुस्साए किसानों ने रात को ही गाँव में पंचायत की।  

SDM भूपेंद्र यादव ने वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए कहा, “किसानों ने कार्य रुकवा दिया था, जिसको लेकर मौके पर पहुँचा। समझाइश कर रहे थे कि एक किसान ने मेरी तरफ लकड़ी उठा दी, बचाव में लात मारी। हाईकोर्ट का कोई स्टे तो आया हुआ नहीं है। पुलिस थाने में रिपोर्ट भी दी है।” वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि SDM भूपेंद्र कुमार यादव का राज्य सरकार ने देर रात तबादला कर दिया है।

क्यों प्रदर्शन के लिए उतरे हैं किसान?

गौरतलब है कि इलाके की एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, वहाँ बाजार दर करीब 10 लाख रुपए प्रति बीघा है। लेकिन इस जमीन के लिए डीएलसी दर- 45000 रुपए प्रति बीघा की दर से मुआवजा दिया जा रहा है। इसे लेकर किसान दो साल पहले हाईकोर्ट गए थे। तब यह मामला दो जजों की बेंच को ट्रांसफर किया गया था, लेकिन कोरोना के चलते अब तक सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई।

बताया गया है कि 90 फीसदी किसानों ने अभी तक मुआवजा लिया भी नहीं है। उधर एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने जा रही कंपनी कोर्ट के फैसले तक नहीं रुकना चाहती। यह मामला बड़सम से गुजरात बॉर्डर तक 10 किमी के बीच का है। फैसले तक काम रोकने के लिए कंपनी नहीं मान रही है।

वीडियो सामने आने के बाद एसडीएम को ट्रोल किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने इस पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया है और लिखा कि अन्नदाता के साथ ये कैसा व्यवहार हो रहा है? नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी एसडीएम की ओर से किसानों को लात मारने की इस घटना को निंदनीय बताया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया