कोविड से किसान की मौत के बावजूद राकेश टिकैत जारी रखेंगे आंदोलन, कहा, ‘प्रदर्शन स्थलों पर कोविड वैक्सीन केंद्र बनाए सरकार’

भारतीय किसान संघ के प्रवक्ता राकेश टिकैत (फोटो : राकेश टिकैत/ट्विटर)

भारतीय किसान संघ (BKU) के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर पर केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए प्रदर्शन स्थलों के पास ही कोविड टीकाकरण केंद्र बनाने की माँग की है। टिकैत का बयान ऐसे समय में आया है जब सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे दो किसानों की मंगलवार को मृत्यु हो गई और उनमें से एक किसान कोरोना वायरस से संक्रमित था।

खेड़ा बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक कृषि कानून समाप्त नहीं किए जाते तब तक किसान प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे और न ही प्रदर्शन स्थलों से हटेंगे। किसानों की मौत की जिम्मेदारी सरकार पर डालते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार प्रदर्शन स्थलों के नजदीक टीकाकरण केंद्र शुरू करे जिससे किसानों को Covid-19 के टीके लगाए जा सकें। हालाँकि ध्यान देने योग्य बात यह है कि खुद राकेश टिकैत कोरोना वायरस का टीका पहले ही ले चुके हैं।

MSP मिले बिना नहीं हिलेंगे किसान: टिकैत

टिकैत ने कहा, ”बीमारी अस्पताल की ओर ले जाती है और किसानों का यह आंदोलन संसद की ओर, इसलिए ये दोनों अलग हैं। यदि कोई बीमार है तो उसे देखना सरकार का काम है।”

कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से जारी विरोध प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने राकेश टिकैत ने कहा, “किसान कहीं नहीं जाएंगे। हम तब तक नहीं हिलेंगे जब तक एमएसपी नहीं दिया जाता है और सरकार हमसे बात नहीं करती है। एक आंदोलन जारी रखने के लिए छह महीने पर्याप्त नहीं हैं। हमने यहां एकता और एक मजबूत बंधन सीखा है इसलिए अब यहां से हटना मुश्किल है।’

किसान नेता ने किया आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध

वहीं दूसरी ओर BKU के एक दूसरे किसान संगठन भारतीय किसान संघ (किसान) के प्रवक्ता भोपाल सिंह ने राष्ट्रहित में किसान आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध किया है। सिंघू बॉर्डर पर किसानों की मौत के बाद भोपाल सिंह ने कहा कि यदि ऐसे ही किसानों की मौत होती रही तो आंदोलन कौन करेगा। सिंह ने यह भी कहा कि फिलहाल देश में स्थिति सही नहीं है और इसलिए किसानों को वर्तमान में अपना प्रदर्शन समाप्त करना चाहिए। ये प्रदर्शन परिस्थितियों के हिसाब से भविष्य में भी किए जा सकते हैं।

आपको बता दें कि मंगलवार (18 मई) को सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे दो किसानों की मृत्यु हो गई थी। दोनों किसान पंजाब के रहने वाले थे। इनमें से एक किसान कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। मरने वालों में बलबीर सिंह (50) और महेंदर सिंह (70) शामिल हैं। दोनों क्रमशः पटियाला और लुधियाना के रहने वाले हैं।

सोनीपत के चीफ मेडिकल ऑफिसर जसवंत सिंह पुनिया ने बताया था कि बलबीर सिंह को बीमार हालत में अस्पताल लाया गया हालाँकि उनकी मृत्यु हो चुकी थी। जाँच करने पर यह सामने आया कि बलबीर कोरोना वायरस से संक्रमित थे।  

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया