‘ये ऐसे राम निकले जिन्होंने सीता को बाजार में बिकने के लिए रख दिया’: लद्दाख में आमरण अनशन पर बैठे एक्टिविस्ट वांगचुक का विवादित बयान

लद्दाख के इंजीनियर सोनम वांगचुक ने राम और सीता का नाम लेकर की विवादित टिप्पणी

लद्दाख के इंजीनियर सोनम वांगचुक इस समय विभिन्न माँगों को लेकर आमरण अनशन पर हैं। इस दौरान उन्होंने विभिन्न मीडिया संस्थानों को इंटरव्यू भी दिया। सोनम वांगचुक पिछले 2 सप्ताह से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। NDTV से बात करते हुए अब उन्होंने एक ऐसी टिप्पणी कर दी है, जिसे हिन्दू विरोधी बताया जा रहा है। ‘क्लाइमेट फ़ास्ट’ के दौरान उनकी इस टिप्पणी को लेकर उनका विरोध हो रहा है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोनम वांगचुक के जीवन से प्रेरित ‘थ्री इडियट्स’ (2009) फिल्म भी बन चुकी है, जिसमें उनका किरदार आमिर खान ने निभाया था।

असल में सोनम वांगचुक केंद्र की मोदी सरकार से भी नाखुश हैं। NDTV की एंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर यात्रा के दौरान कहा था कि वो वहाँ के लोगों का दिल जीतने और उनके साथ कनेक्ट करने के लिए आए हैं। इसके बाद एंकर नीता शर्मा ने सवाल पूछा कि क्या पीएम मोदी लद्दाख के लोगों का दिल जीत पाए हैं या नहीं? इस पर सोनम वांगचुक ने जवाब दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख के लोगों का दिल जीत चुके थे 2019 में।

सोनम वांगचुक ने कहा कि उन्होंने लद्दाख के लोगों को इतना ज़्यादा कृतज्ञ कभी नहीं देखा, जितने वो तब थे जब लद्दाख को एक अलग केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। सोनम वांगचुक ने कहा कि अब लोगों को ये लग रहा है कि उन्हें आसमान से बचाया और खजूर पर अटकाया। एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक बोले, “मैं तो इसे इस तरह देखता हूँ – ये ऐसे राम निकले जो सीता को रावण से छुड़ा कर लाए, लेकिन घर नहीं ले गए बल्कि भरी बाजार में बिकने के लिए रख दिया।”

ऊपर संलग्न किए गए वीडियो में आप 8:20 के बाद सोनम वांगचुक का ये बयान सुन सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि उद्योग और खनन के अलावा खरीद-फरोख्त के लिए लद्दाख को खुला छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा, “रामभक्त जो राम के मंदिर बनाते हैं, वो उनके आदर्शों पर चलेंगे ना? राम मूर्तियों से ज्यादा आदर्शों में हैं। राम का आदर्श रहा है – प्राण जाए पर वचन न जाए।” उन्होंने पीएम मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। बकौल सोनम वांगचुक, आमरण अनशन की मुख्य माँगें हैं – लद्दाख की संस्कृति का संरक्षण, वहाँ लोकतंत्र बहाल हो।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया