गणतंत्र दिवस 2023: पहली बार कर्तव्यपथ पर सबसे आगे VVIP की जगह बैठेंगे मजदूर और रेहड़ी-पटरी वाले श्रमयोगी, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल होंगे मुख्य अतिथि

पहली बार कर्तव्यपथ पर सबसे आगे बैठेंगे श्रमजीवी (फोटो साभार: wionews)

इस बार दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) पर होने वाली परेड को देखने के लिए कर्तव्यपथ पर सबसे आगे वीवीआईपी की जगह श्रमिक, रिक्शे वाले, रेहड़ी-पटरी वाले और मजदूर बैठे दिखाई देंगे। इन श्रमयोगी में वो लोग और उनके परिजन भी शामिल हैं, जिन्होंने सेंट्रल विस्टा बनाने में मदद की है। ऐसा भारत के इतिहास में पहली बार होने जा रहा है।

इस साल परेड में सीटों की संख्या 45,000 से घटाकर 32,000 कर दी गई है। बीटिंग रिट्रीट में 10 फीसदी सीटें ऑनलाइन बुकिंग के लिए उपलब्ध होंगी। इसके अलावा पहली बार ट्रैफिक सिगनल पर भीख माँगने वाले 11-18 आयु वर्ग के स्लम बच्चे इस साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगे। वे ‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’ लिखे गए नारों वाली तख्तियाँ लेकर चलेंगे।

प्रोजेक्ट स्माइल के प्रताप विक्रम सिंह ने कहा, “ये बच्चे कॉन्वेंट और सरकारी स्कूलों के बच्चों की तरह ही गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल कर रहे हैं। डेढ़ साल पहले ये बच्चे किसी से बात नहीं करना चाहते थे। हम पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं थे। हमें उनका भरोसा जीतने में काफी समय लगा। इसके लिए हमने उन्हें खिलौने दिए, उनके लिए स्मार्ट क्लास शुरू की और उन्हें एक्सपोजर दिया।”

24 से 26 जनवरी तक तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुँचे मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्तह अल-सिसी (Abdel Fattah El-Sisi) 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इसके अतिरिक्त मिस्र का 120 सदस्यीय मार्चिंग दल कर्तव्यपथ पर परेड का हिस्सा होगा।

गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। नई दिल्ली और उसके आसपास 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल ने कहा कि पुलिस ने लगभग समारोह में 70,000 लोगों के लिए व्यवस्था की है।

समारोह स्थल पर कुल 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर भी लोगों को जागरूक कर रही है और लोगों को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति, गतिविधि और वस्तु के बारे में सतर्क होने की सलाह दे रही है।

बता दें कि सितंबर 2022 में दिल्ली के राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ कर दिया गया था। अंग्रेजी हुकूमत के समय राजपथ को ‘Kings Way‘ कहा जाता था। किंग्सवे, अंग्रेज राजा जॉर्ज पंचम के नाम पर रखा गया था। राजपथ का नाम बदले जाने के बाद कर्तव्यपथ पर यह पहली गणतंत्र दिवस परेड होने जा रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया