उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में रविवार (अगस्त 8, 2019) को आर्थिक तंगी से परेशान चल रहे वायुसेना के पूर्व कर्मचारी बिजन दास ने एक होटल में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अपने इस कदम के पीछे बिजन ने मंदी और भ्रष्टाचार को वजह बताया है। साथ ही सुसाइड नोट में इन हालातों के लिए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को दोषी ठहरायाहै।
सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने गायक बेटे की मदद करने की भी गुहार लगाई है। साथ ही जिला प्रशासन से गुजारिश की कि उनके शव को उनके परिवार को न सौंपकर प्रयागराज में ही दफना दिया जाए।
जानकारी के मुताबिक बिजन असम के दरांग जिले के मंगलदाई थाना क्षेत्र के निवासी थे और 6 सितंबर को वह इलाहाबाद आए थे। यहाँ उन्होंने करीब 1:30 बजे प्रयाग होटल में एक कमरा लिया था और तब से वो यहीं थे।
https://twitter.com/Intolrentndian/status/1170910423459094528?ref_src=twsrc%5Etfwमीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रविवार की सुबह से ही उनके कमरे में कोई हलचल नहीं थी। सुबह 8 बजे जब सफाईकर्मी उनके कमरे में सफाई करने पहुँचा तो दरवाजा नहीं खुला, उसे लगा बिजन सो रहे हैं, इसलिए वो वापस आ गया। लेकिन जब 10 बजे चाय और 11 बजे नाश्ते के वक्त भी बिजन का दरवाजा नहीं खुला, तो पुलिस को मामले की सूचना दी गई।
करीब 3:30 बजे पुलिस आई तो कमरे को खोला गया, जहाँ बिजन का शव फंदे पर लटका मिला। पुलिस ने तुरंत इसकी सूचना बिजन के घरवालों को दी और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। फिलहाल मामले की जाँच जारी है।
कमरे की तलाशी के दौरान पुलिस को कमरे से शराब की खाली शीशी, सिगरेट, चिप्स के पैकेट और एक मोबाइल मिला। इसके अलावा टेबल पर पाँच पन्नों का एक सुसाइड नोट भी था। जिसमें खुलासा हुआ कि मृतक अपनी आर्थिक स्थिति से परेशान था। जिसके लिए वह मंदी, भ्रष्टाचार और चिंदंबरम को दोषी मानता है।
अपने सुसाइड नोट में मृतक ने प्रधानमंत्री मोदी से अपने गायक लड़के के लिए मदद की गुहार लगाई है और साथ ही बताया है कि उनका लड़का 2010 में लिटिल चैंप में भी शामिल हो चुका हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह आगे नहीं बढ़ पाया। बिजन ने अपने सुसाइड नोट में दरख्वास्त की है कि उनके शव के पास उनके परिवार या फिर उनके बेटे को न बुलाया जाए, क्योंकि वो नहीं चाहते उनका बेटा उनका शव देखे।
सुसाइड नोट में लिखा गया है कि आर्थिक कुप्रबंधन होने पर उसका प्रभाव तात्कालिक नहीं, बल्कि कुछ साल बाद होता है। ऐसे में मोदी सरकार को ही अकेले आर्थिक मंदी के लिए दोषी ठहराना गलत है। नोटबंदी और जीएसटी का अस्थायी प्रभाव रहा होगा, लेकिन इस वजह से आर्थिक मंदी नहीं आई। कोयला, टूजी स्प्रेक्ट्रम समेत कई घोटालों के जरिए करोड़ों रुपये का गोलमाल हुआ। चिदंबरम भ्रष्टाचार के भागीदार हैं। गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम फिलहाल आईएनएक्स मीडिया मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।