1 ही दिन में उदयपुर में 3 का काटा जाना था गला, जानवर काटने वाले 6 खंजर लाए थे: 2 से कन्हैया को मारा, 4 मोहसिन मुर्गेवाला की दुकान से मिले

कन्हैया को मारने वालों ने इस्तेमाल किया था बकरीद के लिए बना खंजर

उदयपुर में कन्हैया लाल के हत्यारे रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद से पूछताछ के बाद सामने आया है कि ये लोग इस हत्या के जरिए देश की जनता को आतंकित करना चाहते थे। इन्होंने हत्या के लिए बकरीद पर इस्तेमाल होने वाले खंजरों का प्रयोग किया था। इनका मकसद था कि ये लगातार कन्हैया की तरह 1 दिन में तीन लोगों को मारते और उनका वीडियो वायरल करते।

टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार, NIA ने पड़ताल के बाद अपनी एफआईआर में खुलासा किया कि कन्हैया लाल की हत्या करके वीडियो को सोशल मीडिया पर डालने के पीछे का कारण लोगों में डर पैदा करना था। यह लोग मजहबी आधार पर लोगों में दुश्मनी को बढ़ावा देना व आतंक फैलाना चाहते थे।

NIA ने आतंकी एंगल की जाँच के बाद इनके ऊपर आईपीसी की धारा 452, 302, 153 ए, 153 बी, 295ए और 34 के तहत दोबारा केस दर्ज किया है। इसके अलावा यूएपीए की धारा 16, 18 और 20 भी इनके ऊपर लगाई गई है।

पूछताछ में ही ये सामने आया है कि ये लोग सिलसिलेवार ढंग से तीन लोगों की निर्मम हत्या करना चाहते थे और सबकी वीडियो बनाकर इन्हें उनको वायरल करना था। रियाज अख्तरी ने कानपुर से बकरीद में इस्तेमाल होने वाले छह खास खंजर मँगवाए थे जिन्हें उसने खुद उदयपुर के ए के इंजीनियरिंग फैक्ट्री में धार दी थी और उन्हीं में से 2 का इस्तेमाल कन्हैया को मारने के लिए किया गया था। बाकी बचे चार चाकू पुलिस को मोहसिन मुर्गेवाला नाम के कसाई की दुकान पर बरामद हुए।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि कन्हैया के अलावा जिन लोगों की जान इन्हें लेनी थी उसे ये लोग इसलिए अंजाम नहीं दे पाए क्योंकि एक तोउनकी रेकी पूरी नहीं हुई थी और दूसरा कारण था कि कन्हैयालाल की हत्या के बाद हंगाम बढ़ गया था।

संबंधित रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट खुलासा करती है कि उदयपुर में हत्याओं को अंजाम देने के लिए साजिश 10 दिन पहले ही शुरू हो गई थी। 17 जून को सभी साजिशकर्ताओं ने एक बैठक की थी। इसके बाद 20 जून को भी एक बैठक हुई और 6 लोगों को हत्याओं को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा गया। इन्हीं 6 में से 2 रियाज और गौस थे। इनके अलावा 2 हत्या करने का काम जिन 4 लोगों को दिया गया उन्हें भी पुलिस पकड़ चुकी है। साजिशकर्ताओं की बैठक में आखिरी चर्चा इसी बात को लेकर थी कि इन्हें किस तरह अंजाम दिया जाए।

बता दें कि गौस मोहम्मद और रियाज दावत-ए-इस्लाम से जुड़े बताए जा रहे हैं। गौस को लेकर तो ये जानकारी भी सामने आई है कि उसने कराची स्थित इसके हेडक्वार्टर को भी विजिट किया था जहाँ उसकी मुलाकात सरगना इलियास कादरी से हुई थी। इसके अलावा गौस दो बार अरब भी जा चुका था। पुलिस अब दावत-ए-इस्लामी व्हॉट्सएप ग्रुप चैट की छानबीन कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि हत्या की साजिश स्थानीय स्तर पर बनी या फिर पाकिस्तान से इसका कनेक्शन है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया