‘जमातियों के खिलाफ भौंक रहा था, अल्लाह ने जहन्नुम में सड़ने भेजा’ – रोहित सरदाना के निधन पर कट्टरपंथियों का जश्न

रोहित सरदाना के निधन के बाद कुछ लोगों ने किए संवेदनहीन ट्वीट्स (फाइल फोटो)

‘आज तक’ के वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना का हृदयाघात के कारण निधन हो गया। वो कोरोना वायरस से संक्रमित थे। उनकी उम्र लगभग 40 वर्ष थी। उन्होंने ‘ज़ी न्यूज़’ पर ‘ताल ठोक के’ और ‘आज तक’ पर ‘दंगल’ जैसे डिबेट शो से ख्याति पाई थी। अब उनके निधन के बाद सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने अनाप-शनाप बकना शुरू कर दिया है। ये लोग रोहित सरदाना के निधन पर जश्न मना रहे हैं।

‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने रोहित सरदाना के निधन को एक बुरी खबर बताते हुए ट्विटर पर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस ट्वीट को कोट करते हुए खुद को मुस्लिम और एक्टिविस्ट बताने वाले शरजील उस्मानी ने लिखा, “मनोरोगी। मनोविकारी झूठा। नरसंहार को बढ़ावा देने वाला। उसे कभी भी एक पत्रकार के रूप में याद नहीं रखा जा सकता।” कई लोगों ने शरजील को सोच-समझ कर लिखने को कहा।

https://twitter.com/SharjeelUsmani/status/1388029701252280321?ref_src=twsrc%5Etfw

वहीं ‘अली मौला’ नामक एक ट्विटर हैंडल ने लिखा, “वाह! ये एक बहुत ही अच्छी खबर है। रोहित सरदाना मर गया। गंदे लोगों की दुनिया को ज़रूरत नहीं है।”

इरफ़ान बसीर वानी ने फेसबुक पर लिखा, “वो मुस्लिमों के प्रति घृणा फैला रहे थे। पिछले साल वो तबलीगी जमातियों के खिलाफ भौंक रहे थे। बंगाल की रैली और कुंभ ज़रूरी नहीं थी, जो कोरोना फैला रहे थे। इसीलिए, अल्लाह ने योजना बनाई और उन्हें नरक के लिए चुना।”

एक वसीम ने लिखा, “एक घृणा फैलाने वाले का चैप्टर क्लोज हो गया।” अक्स नामक के हैंडल ने लिखा, “मुस्लिमों को पाकिस्तान भेजते-भेजते खुद जहन्नुम चले गए। वो ज़रूर नरक में खास जगह पर मजे कर रहे होंगे।” तारिक इदरसी ने लिखा, “मुझ पर यकीन कीजिए मैं ये सुन कर जरा भी दुःखी नहीं हूँ। कोई सहानुभूति नहीं।” इरम खान ने लिखा, “इसमें दिल टूटने की क्या बात है? वो सांप्रदायिक घृणा फैलाते हुए दिल तोड़ रहे थे।”

https://twitter.com/Shubham_trips24/status/1388045117747986437?ref_src=twsrc%5Etfw

आरिफ नक्शबंदी ने लिखा, “अगर ये खबर सही है तो मुझे कोई सहानुभूति नहीं है। वो एक घृणा फैलाने वाले व्यक्ति थे, जो झूठ परोस रहे थे।” ओपुस ऑफ अली ने लिखा, “रोहित सरदाना का निधन हो गया। हाहा! जहन्नुम में सड़ो।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया