‘आरोपितों के मौलिक अधिकारों के पक्ष में अदालत’: केरल हाई कोर्ट ने प्रतिबंधित इस्लामी संगठन PFI के 17 संदिग्धों को दी बेल, RSS नेता की हत्या में UAPA के तहत थे बंद

केरल हाई कोर्ट एवं मृतक श्रीनिवासन (साभार: ET/ABP)

केरल हाई कोर्ट ने प्रतिबंधित इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 17 संदिग्धों को जमानत दे दी है। इन चरमपंथियों के खिलाफ पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता ए श्रीनिवासन की हत्या का आरोप है। साल 2022 में हुई इस हत्या के मामले में इन आरोपितों के खिलाफ UAPA के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था।

जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार (25 जून 2024) को न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति श्याम कुमार वीएम की पीठ ने कहा, “इस विश्वास पर पहुँचते हुए कि आरोपित व्यक्तियों के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सत्य हैं, अदालत को आरोपित के मौलिक अधिकारों के पक्ष में झुकना होगा, न कि उन अधिकारों पर लगाए जा सकने वाले प्रतिबंधों के पक्ष में।”

इन आरोपियों को जमानत देते हुए हाई कोर्ट ने उन पर कड़ी शर्तें लगाई हैं। उन्हें अपने मोबाइल नंबर और रियल-टाइम जीपीएस लोकेशन जाँच अधिकारी के साथ साझा करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, आरोपितों से कहा गया है कि वे केरल नहीं छोड़ेंगे। अपने पासपोर्ट जमा करवाएँगे और अपने मोबाइल फोन को चौबीसों घंटे चालू रखेंगे।

हालाँकि, पीठ ने इस के से जुड़े नौ अन्य आरोपितों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि 51 आरोपितों में से अब तक केवल 44 को ही गिरफ्तार किया जा सका है। ये सभी श्रीनिवासन की हत्या में शामिल थे। जाँच एजेंसी NIA के अनुसार, गिरफ्तार किए गए कुछ लोग आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए PFI कैडरों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने में शामिल थे।

दरअसल, श्रीनिवासन की हत्या 16 अप्रैल 2022 को कर दी गई थी। इस हत्या में प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े लोगों की संलिप्तता सामने आई थी। श्रीनिवासन की हत्या पीएफआई नेता सुबैर की हत्या के प्रतिशोध में की गई थी।

आरएसएस पदाधिकारी श्रीनिवासन पर एक गिरोह ने मेलमुरी में उनकी मोटरसाइकिल की दुकान के पास उनपर तलवार और चाकुओं से हमला कर दिया था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि श्रीनिवासन पर 20 बार तलवार से वार किए गए थे। उनके पूरे शरीर में जख्म के निशान थे।

आरएसएस नेता की हत्या के बाद स्थानीय लोगों ने आसपास के इलाकों में दुकानें बंद करा दी और पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी थी। टीवी चैनल द्वारा प्रसारित आस-पास की दुकानों के सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि हमलावर तीन मोटरसाइकिल पर सवार होकर दुकान पर पहुँचे थे और उनमें से तीन ने श्रीनिवासन पर हमला किया था।

इससे पहले, 15 नवंबर, 2021 को, आरएसएस कार्यकर्ता संजीत पर SDPI के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था। उस समय वह अपनी पत्नी के साथ बाइक पर जा रहे थे। पलक्कड़ जिले के एल्लापल्ली में चार लोगों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया