5 स्टार होटल में 100 दिनों के लिए कमरा, 5 ब्लैक बैग और 1 मिस्ट्री महिला: सचिन वाजे क्यों बना था ‘सुशांत’?

सचिन वाजे ने 100 दिन के लिए होटल में बुक कराया था कमरा ( फाइल फोटो)

मुंबई में मुकेश अंबानी की बहुमंजिला इमारत एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो मिलने के कुछ दिनों बाद ही इस कार के मालिक मनसुख हिरेन का शव मिला। आरोपों की सूई विवादित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की तरफ मुड़ी। उसे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर वाजे के माध्यम से प्रतिमाह 100 करोड़ रुपए की उगाही का आरोप लगाया।

अब खुलासा हुआ है कि सचिन वाजे के लिए मुंबई के एक स्वर्ण व्यवसायी के कहने पर 25 लाख रुपए खर्च कर मुंबई के 5 स्टार होटल ‘ट्राइडेंट’ में 100 दिनों के लिए कमरा बुक कराया गया था। इस कमरे का मात्र 1 दिन का किराया 10,000 रुपए था। केंद्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने होटल का दौरा किया और कमरे की जाँच की, जिसके बाद कई सबूत हाथ लगे। CCTV फुटेज खँगाली गई, बुकिंग रिकार्ड्स जाँचे गए और होटल कर्मचारियों के बयान दर्ज हुए।

इस कमरे का नंबर 1964 है जो 19वीं मंजिल पर स्थित है। एक ट्रेवल एजेंट ने ये कमरा बुक करवाया था। ‘सुशांत सदाशिव खामकार’ नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवा कर कमरा बुक किया गया था। जिस स्वर्ण व्यवसायी के कहने पर कमरा बुक करवाया गया था, उससे भी NIA ने पूछताछ की है। कारोबारी ने बताया कि उसके खिलाफ मुंबई के एलटी नगर और कांजुरमार्ग पुलिस स्टेशन में 2 पेंडिंग केस पड़े हुए हैं। वाजे ने उसे फँसाने की धमकी दी थी।

वाजे ने उसे लालच दिया था कि अगर वो कमरा बुक करवाता है तो उसे दोनों केस से निकाल दिया जाएगा। 25 लाख रुपए में से 13 लाख कैश ट्रेवल एजेंट ने होटल को दिए थे। बताया जा रहा है कि सचिन वाजे को पहले से आशंका थी कि उसे छिपना पड़ सकता है, इसीलिए उसने पहले ही इसकी व्यवस्था कर ली थी। 4 दिन वाजे वहाँ रुका था और कई लोग उससे मिलने आए थे। NIA को 35 कैमरा फुटेज मिले हैं।

स्वर्ण कारोबारी को वाजे ने 3 बड़े होटलों का विकल्प दिया था- ताज, ट्राइडेंट और ओबेरॉय। तीनों ही उसके दफ्तर के करीब थे। फरवरी 16-20 तक वाजे उस होटल में रुका था और उसके साथ एक महिला को भी देखा गया। इस महिला की पहचान अब तक बाहर नहीं आई है, लेकिन NIA ने उसे चिह्नित कर समन भेजने की तैयारी कर ली है।

कहा जा रहा है कि ‘क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU)’ हेड रहते किसी मामले में पूछताछ के लिए वाजे ने उस महिला को बुलाया था। वाजे होटल में 5 काला रंग का बैग लेकर घुसा था। बैग में क्या था और वो अभी कहाँ हैं, इस पर जाँच हो रही है। फर्जी आधार में जन्मतिथि जून 15, 1972 लिखा था, जबकि वाजे की जन्मतिथि फरवरी 22, 1972 है।

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वाजे का करीबी रियाजुद्दीन काजी ही उसके खिलाफ अप्रूवर बनने के लिए तैयार हो गया है। काजी को सचिन वाजे की आवासीय सोसाइटी के CCTV सबूतों को नष्ट करने के आरोप में पकड़ा गया था। काजी भी मुंबई पुलिस का अधिकारी है। वाजे ने कई लक्जरी कारों का प्रयोग किया था, जिनमें से कई जब्त की जा चुकी हैं। अब मनसुख हिरेन मामले की जाँच भी ATS की जगह NIA करेगी।

उधर महाराष्ट्र के गृह मंत्री और NCP नेता अनिल देशमुख ने अपने खिलाफ लगाए के आरोपों की जाँच की माँग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इसके लिए पत्र भी लिखा है। देशमुख ने कहा, “परमबीर सिंह द्वारा मुझ पर लगाए गए आरापों की जाँच करवा कर ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ करने कि माँग मैंने माननीय मुख्यमंत्री महोदय से की थी। अगर वो जाँच के आदेश देते हैं तो मैं उसका स्वागत करूँगा।” इससे पहले पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह इस मामले की CBI जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे, जहाँ इन आरोपों को गंभीर बताते हुए उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा।

महाराष्ट्र में रोज बदलते घटनाक्रम के बीच ये भी खबर आई है कि संजय राउत ने अपने दिल्ली स्थित आवास पर एक रात्रिभोज का आयोजन किया था, जिसके लिए कई भाजपा सांसदों को भी निमंत्रण भेजा गया था। संजय राउत ने सभी दावों को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि ट्रांसफर रैकेट मामले के बारे में कुछ भी गंभीर नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन सरकार को भाजपा अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया