जिस SAMU (स्टूडेंट्स ऑफ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) के 7 आतंकी गिरफ्तार, उसे 2022 में क्लीन चिट क्यों… जबकि 3 साल से था खुफिया एजेंसियों के रडार पर

SAMU (स्टूडेंट्स ऑफ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) खुफिया एजेंसियों के रडार पर

उत्तर प्रदेश पुलिस की आतंकवाद निरोधक शाखा (ATS) ने नवंबर माह 2023 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़े 7 आतंकियों को गिरफ्तार किया। इनमें से अधिकांश SAMU (स्टूडेंट्स ऑफ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) के सदस्य थे। अब मिल रही जानकारी के मुताबिक SAMU नाम के संगठन पर ख़ुफ़िया एजेंसियों की नजर साल 2020 से ही थी। तब हालाँकि ATS के अलीगढ़ यूनिट के प्रभारी सब इंस्पेक्टर मोहम्मद अकरम खान ने अपनी जाँच में इस संगठन में कुछ भी संदिग्ध या राष्ट्रविरोधी हरकतों में संलिप्त न होने का दावा किया था। 3 साल के बाद अब इसी SAMU से आतंक के आरोपित दबोचे गए।

ऑपइंडिया को उच्च आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक SAMU ग्रुप साल 2020 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अंदर CAA-NRC विरोधी हिंसा के दौरान ही ख़ुफ़िया एजेंसियों की नजर में आ चुका था। तब ATS को इस संगठन की निगरानी के ऊपर से निर्देश मिले थे। उस समय अलीगढ़ यूनिट ATS के प्रभारी सुशांत गौड़ हुआ करते थे। उन्होंने इस संगठन की निगरानी शुरू कर दी।

कुछ समय बाद सुशांत गौड़ का ट्रांसफर कहीं अन्यत्र हो गया। उनके ट्रांसफर के बाद अलीगढ़ ATS यूनिट की कमान सब इंस्पेक्टर मोहम्मद अकरम खान को मिल गई। मोहम्मद अकरम खान पूर्व में भी अलीगढ़ के अलग-अलग थानों में तैनात रह चुके थे।

मोहम्मद अकरम के नेतृत्व में चल रही ATS अलीगढ़ यूनिट में हेड कॉन्स्टेबल इरशाद भी हुआ करते थे। इनकी यूनिट ने जाँच की और साल 2022 में अपनी जाँच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी। दरोगा अकरम की जाँच रिपोर्ट में SAMU का किसी भी तरह की देश विरोधी या आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता से इनकार किया गया।

एक साल के भीतर ही अब उसी SAMU से जुड़े 7 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। साल 2022 के बाद SAMU से कई और कट्टरपंथी जुड़े और धीरे-धीरे यह संगठन अपनी जड़ें गहरी करता चला गया। सवाल उठता है कि क्या 2022 की जाँच रिपोर्ट में कोई चूक हुई थी?

शाहनवाज की गिरफ्तारी के बाद उधड़ी परतें

जाँच रिपोर्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साल 2022 से लेकर पिछले महीने तक SAMU तेजी से फल-फूल रहा था। यह लेकिन एक बार फिर से चर्चा में तब आया, जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2 अक्टूबर 2023 को पुणे ISIS मॉड्यूल के सदस्य शाहनवाज की गिरफ्तारी की। यहीं से SAMU का कनेक्शन जुड़ा।

शाहनवाज़, अरशद वारसी और रिज़वान से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की हुई पूछताछ में पुणे ISIS मॉड्यूल के तार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से जुड़े पाए गए थे। AMU का SAMU ग्रुप तब चर्चा में आया और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ NIA की भी नजरें अलीगढ़ की तरफ मुड़ीं।

दिल्ली पुलिस और NIA की तेजी भाँप कर उत्तर प्रदेश ATS ने भी सक्रियता दिखाई और महज 1 माह से भी कम समय में SAMU के टॉप 7 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल अभी भी SAMU से जुड़े फैज़ान बख्तियार और अब्दुल समद मलिक फरार चल रहे हैं। इन दोनों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही है।

एक अन्य संदिग्ध हारिश फारुखी भी एजेंसियों के रडार पर है, जो लम्बे समय से पकड़ से बाहर है। फिलहाल मोहम्मद अकरम खान अभी भी ATS अलीगढ़ यूनिट के प्रभारी हैं। SAMU ग्रुप के खिलाफ नवंबर 2023 में दर्ज FIR में अकरम खान ही वादी हैं।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।