जिस उडुपी से निकला था हिजाब का जिन्न, वहाँ स्कूल-कॉलेज खुले: हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी Video में दिख रहीं बुर्के वाली छात्राएँ

कर्नाटक के उडुपी में खुले स्कूल-कॉलेज (फोटो साभार: ANI)

कर्नाटक के उडुपी में बुधवार (16 मार्च 2022) को फिर से स्कूल-कॉलेज खुल गए हैं। उडुपी के ही सरकारी पीयू कॉलेज से सबसे पहले हिजाब का विवाद उठा था। मंगलवार को कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है। साथ ही शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड का पालन करने को कहा था। इस फैसले को हिजाब समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात की है।

इस बीच समाचार एजेंसी एएनआई ने उडुपी के स्कूल-कॉलेज जाती छात्राओं की तस्वीरें और वीडियो जारी किए हैं। पीयू कॉलेज के दृश्य भी इनमें शामिल हैं। वीडियो में आप स्पष्ट तौर पर कुछ छात्राओं को बुर्के में संस्थान में प्रवेश करते देख सकते हैं। उडुपी के उपायुक्त एमके राव ने भी स्कूलों और कॉलेज का दौरा किया है। उन्होंने बताया है कि कक्षाएँ सामान्य रूप से चल रही हैं। छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और अन्य लोगों से जिले में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने में मदद का आग्रह किया है। हाई कोर्ट का फैसला आने से पहले राज्य में कई जगहों 21 मार्च तक के लिए धारा 144 लागू की गई थी। उडुपी जिले में भी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए थे।

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब पहनना इस्लामी प्रथा या आस्था का जरूरी हिस्सा नहीं है। चीफ जस्टिस ऋतु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच ने कहा था, “स्कूल यूनिफॉर्म अधिकारों का उल्लंघन नहीं है। यह संवैधानिक रूप से स्वीकार्य है जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकते हैं।” साथ ही कहा था कि इस संबंध में सरकार ने 5 फरवरी 2022 को जो आदेश जारी किया था उसका उसे अधिकार है और इसे अवैध ठहराने का कोई मामला नहीं बनता है। इस आदेश में राज्य सरकार ने उन कपड़ों को पहनने पर रोक लगा दी थी, जिससे स्कूल और कॉलेज में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था बाधित होती है।

क्या था पूरा मामला

याद दिला दें कि पीयू कॉलेज का यह मामला सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं। कॉलेज के प्रिंसिपल रूद्र गौड़ा ने कहा था कि छात्राएँ कॉलेज परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में इसकी इजाजत नहीं है। प्रिंसिपल के मुताबिक, कक्षा में एकरूपता बनाए रखने के लिए ऐसा जरूरी है। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने भी इस संबंध में 5 फरवरी को आदेश दिए थे। सरकार के आदेश में छात्र-छात्राओं से ड्रेस कोड का पालन करने को कहा गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया