‘भारतीय सेना सांप्रदायिक, ‘जय श्री राम’ आतंकवाद, साधु-संत बलात्कारी’: असम का जज अहदुर रहमान जो सरेआम करता है अपनी हिन्दू घृणा का प्रदर्शन, राम मंदिर फैसले से भी दिक्कत

जज शाह सैयद अहदुर रहमान के हिंदू समुदाय और भारतीय सेना को निशाना बनाने वाले नफरती ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल (फोटो साभार: X/@AhadurShah)

असम के उदलगुरी जिले में तैनात सहायक सत्र न्यायाधीश शाह सैयद अहदुर रहमान सोमवार (4 सितंबर, 2023) से हिंदू समुदाय और भारतीय सेना पर किए अपने ट्वीट को लेकर आलोचनाओं के घेरे में है। उनके ये ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हैं। वो 2002 से असम न्यायिक सेवा के न्यायिक अधिकारी है और इससे पहले राज्य के शिवसागर जिले में उप-विभागीय न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसडीजेएम) के तौर पर अपनी सेवाएँ दे चुके हैं।

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

उन्होंने नवंबर 2021 में एक ट्वीट में दावा किया था, “कश्मीर में तैनात भारतीय सेना सांप्रदायिक है। कश्मीर में जिंदगियाँ अहमियत रखती हैं।” सहायक सत्र न्यायाधीश (उदलगुरी) ने कश्मीरी आतंकियों को ‘लड़ाका’ बताते हुए उनके लिए अपना समर्थन जताया था।

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

शाह सैयद अहदुर रहमान को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में तैनात भारतीय सशस्त्र कर्मियों की ईमानदारी पर भी सवाल उठाते देखा गया। उन्होंने आरोप लगाया था, “कभी-कभी सेना तटस्थ नहीं होती है। मैंने कश्मीर में पहली बार एक विश्वविद्यालय छात्र के तौर दौरा करते हुए इसका सामना किया।”

ट्वीट कर हिंदू धर्म पर हमले

भारतीय सेना के खिलाफ अफवाह फैलाने के अलावा, उन्हें अपने ट्वीट्स में हिंदू समुदाय को भी निशाना बनाया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगे भड़कने के दिनों में जज रहमान ने ट्वीट किया था, “ब्राह्मणों, भागो।”

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

शाह सैयद अहदुर्रहमान ने इस्लामवादियों के हमले के बाद हिंदू समुदाय का मजाक बनाया था। उन्होंने मजाक उड़ाते हुए कहा, “हिंदू खतरे में है, अलार्म अभी जरूरी हो गया है।”

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

उन्होंने ये झूठा दावा भी किया था कि भारत खाड़ी देशों को गोमाँस (बीफ) निर्यात कर रहा है और हिंदू ऐसे कारोबार के टॉप पर हैं। वास्तव में, भारत से केवल कैरबीफ (भैंस का मांस) निर्यात किया जाता है, भाजपा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2017 में इस तथ्य की पुष्टि की थी।

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

इस साल जुलाई के अपने ट्वीट में जज रहमान ने तंज किया, “और आजकल हिंदू ख़तरे में हैं! करीबी मुठभेड़ में उन्हें मुस्लिमों द्वारा गोली मार दी जाएगी।”

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

पूर्वाग्रह से ग्रस्त सहायक सत्र न्यायाधीश ने यह भी दावा किया, “देखो में एक जज हूँ और मैं इस नतीजे पर पहुँचा हूँ कि अपराध का ग्राफ देखिए, लोन चुकाने में चूकने वाले सबसे बड़े बकाएदारों में हिंदू हैं। बलात्कार का ग्राफ देखिए, ये हिंदू ही है। जाति के आधार पर अपराध के राष्ट्रीय आँकड़े देखें।” उनके इन ट्वीट्स में उनकी विक्षुब्ध मानसिकता की झलक दिखती है।

ट्विटर पर एक हिंदू हैंडल को जवाब देते हुए, उन्होंने दावा किया, “मुझे तुमसे सबक लेने की जरूरत नहीं है और तुम्हें इतनी फिक्र क्यों हो रही है। कहाँ से तुमने खोजा की भारत हिंदुओं के लिए है, तुम इतना भी नहीं जानते कि हिंदू शब्द के क्या मायने हैं। आलोचना करने से पहले अपने दिमाग को सकारात्मक भावनाओं से साफ करें, आपने वृन्दावन में सेक्स स्लेव क्यों रखे हैं।”

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

यही नहीं, जज शाह सैयद अहदुर्रहमान ने गैंगस्टर अतीक अहमद की हत्या को ‘हिंदू आतंकवाद’ का नाम देने से भी गुरेज नहीं किया। उन्होंने कहा, “पलभर में ही आंतकवाद का काम उनके जय श्री राम बोलने से साहसपूर्ण काम में बदल गया। यहाँ जेएसआर का क्या मतलब है, ये हिंदू आतंकवाद है।”

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

उन्हें हिंदू साधु-संतों के खिलाफ नफरत उगलते भी देखा गया। उन्होंने दावा किया था, “मौलवी और मुफ्ती कभी भी नफरत फैलाने वाले भाषणों में शामिल नहीं रहे हैं या हिंदू महिलाओं को बलात्कार की धमकी नहीं दी है। शायद कभी नहीं। केवल सम्मानित हिंदू बाबाओं को याद दिलाने के लिए।”

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

रहमान ने सुझाव दिया, “सम्मानित हिंदू बाबाओं के लिए बस याद दिलाने के लिए कि हिंदू समुदाय के आध्यात्मिक नेताओं के बीच ऐसी टिप्पणियाँ आम थीं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में यह भी कहा,”अब आध्यात्मिक गुरु संभावित बलात्कारी हैं।”

एक मौजूदा न्यायाधीश की राजनीतिक टिप्पणी

उदलगुरी में सहायक सत्र न्यायाधीश शाह सैयद अहदुर रहमान ने सोशल मीडिया पर राजनीतिक बयान देने में भी कसर नहीं छोड़ी। इसमें उन्होंने अपने न्यायिक पेशे के सहयोगियों को भी नहीं बख्शा।
उन्होंने पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा को घेरने साथ ही अयोध्या फैसले के लिए न्यायमूर्ति अब्दुल नज़ीर के किरदार पर तोहमत लगाई।

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

उन्होंने ट्वीट में दावा किया, “सऊदी किंग ने मोदी को फोन किया और आरएसएस आतंकवादियों के बारे में अपनी नाराजगी जाहिर की। मोदी ने अपना मूड बदल लिया।” उन्होंने अन्य मुस्लिमों की तरह ही सोशल मीडिया पर पूर्व भाजपा नेता नुपुर शर्मा के लिए नफरत फैलाते देखा गया। उन्होंने ट्वीट किया, “नुपुर शर्मा को गिरफ्तार करो।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में दिल्ली पुलिस पर सवाल दागा , “दिल्ली पुलिस, आपको नुपुर को गिरफ्तार न करने के लिए किसने प्रोत्साहित किया।” इस साल फरवरी में, शाह सैयद अहदुर्रहमान को राम जन्मभूमि फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज के चरित्र हनन में शामिल देखा गया था।

उन्होंने ट्वीट किया, “उन्हें (जस्टिस अब्दुल नज़ीर) यह पहले से पता था, न्यायपालिका पहले ऐसी नहीं थी, इन सज्जन ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला देकर न्यायपालिका की रीढ़ को नष्ट कर दिया, जहाँ कोई सबूत नहीं था।”

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

दिलचस्प बात यह है कि सोमवार (4 सितंबर) को रहमान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी दी कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश/जिला न्यायाधीश के पद के लिए उनके नाम पर विचार किया जा रहा है।

शाह सैयद अहदुर्रहमान की ‘संदिग्ध निष्ठा’

ऑपइंडिया ने पाया कि जज रहमान ने मार्च 2015 में गुवाहाटी में न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी। उन्होंने ये याचिका 2011 में असम न्यायिक सेवा में ग्रेड III अधिकारी से ग्रेड II में पदोन्नति के लिए उनके नाम पर विचार नहीं होने पर दायर की थी।

‘संदिग्ध सत्यनिष्ठा’ की वजह से 2012 में पदोन्नति के लिए उनका नाम सूची में नहीं था। अधिकारियों को जज रहमान पर नजर रखने के लिए भी कहा गया था। याचिकाकर्ता जज रहमान की निगरानी की बात कहने वाले प्राधिकारण ने टिप्पणी थी, ” याचिकाकर्ता जज रहमान को 2009, 2010 और 2011 की एसीआर (वार्षिक गोपनीय रोल) को बारे में सूचना दी गई थी।

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

उन्हें वर्ष 2009 और 2010 में ‘अच्छा’ ग्रेड दिया गया था। वर्ष 2011 में उन्हें “ईमानदारीसंदिग्ध” टिप्पणी के साथ “औसत” ग्रेड दिया गया था।” हालाँकि बाद में, ‘ईमानदारी संदिग्ध’ वाली टिप्पणी को किसी तरह से हटा दिया गया, लेकिन अधिकारियों को जज रहमान को निगरानी में रखने के निर्देश को वार्षिक गोपनीय सूची में बरकरार रखा गया।

शाह सैयद अहदुर्रहमान का ट्वीट

सोमवार (4 सितंबर) को हिंदू विरोधी पृष्ठभूमि के बारे में पूछे जाने के बाद, शाह सैयद अहदुर रहमान ने दावा किया कि हिंदू समुदाय से उनके कई दोस्त हैं। उन्होंने कहा, ”मेरे अधिकतर दोस्त हिंदू समुदाय से हैं।” जैसा कि अपेक्षित था, रहमान को तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले जैसे लोग फॉलो करते हैं। जिन्हें पहले प्रवर्तन निदेशालय ने क्राउडफंडिंग धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया था।

Dibakar Dutta: Centre-Right. Political analyst. Assistant Editor @Opindia. Reach me at dibakar@opindia.com