जिस यूपी को छोड़ने की बात करते थे मुनव्वर राना, वहीं के सरकारी अस्पताल में चल रहा इलाज: अचानक तबीयत बिगड़ने से ICU में भर्ती, ऑक्सीजन सपोर्ट पर

मुनव्वर राना की तबीयत ज़्यादा बिगड़ी, लखनऊ के PGI में चल रहा इलाज

लंबे समय से बीमार चल रहे शायर मुनव्वर राना की तबीयत अचानक से ज़्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें लखनऊ स्थित ‘संजय गाँधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS)’ में भर्ती कराया गया है। वहाँ उन्हें ICU (गहन चिकित्सा इकाई) वॉर्ड में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया है कि अगले कुछ दिन मुनव्वर राना के लिए काफी अहम होने वाले हैं। पिछले कई दिनों से 71 वर्षीय शायर का स्वास्थ्य खराब चल रहा है और वो मुशायरों में भी नहीं देखे जा रहे थे। उन्हें अब ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। उनका SPO2 (ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल) घट कर 85 चला गया है। ये 95+ रहना चाहिए।

बता दें कि मुनव्वर राना अपनी कट्टर इस्लामी सोच के लिए भी जाने जाते हैं। मार्च 2022 में उन्होंने योगी आदित्यनाथ के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद बयान दिया था कि मुमकिन है कि वो उत्तर प्रदेश छोड़ दें। मुनव्वर राना की बेटी उरुषा ने पुरुवा विधानसभा सीट से बतौर कॉन्ग्रेस प्रत्याशी चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें बुरी हार मिली थी। चुनाव से पहले मुनव्वर राना ने कहा था, “मैं पहले ही कह चुका हूँ कि अगर योगी आएगा तो मैं पलायन कर दूँगा। इस बात को स्पष्ट तौर पर नोट कर लिया जाए।”

अब उसी उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पताल में मनव्वर राना का इलाज चल रहा है, जिसे वो छोड़ने की बातें करते थे। मई 2023 में भी उनकी हालत बिगड़ गई थी, जब डायलिसिस के दौरान उनके पेट में तेज़ दर्द उठा था। डॉक्टरों ने उन्हें एडमिट कर के उनका सिटी स्कैन कराया था, जिसमें उन्हें गॉल ब्लैडर की समस्या सामने आई थी। इसके बाद उनकी सर्जरी की गई, लेकिन उनकी तबीयत में सुधर नहीं हुआ। अभी उनकी हालत ज़्यादा ख़राब है और डॉक्टरों की टीम निगरानी कर रही है।

मुनव्वर राना हिंदी, अवधि और उर्दू में शायरी करते रहे हैं। उनके शेर ‘मेरे हिस्से में माँ आई’ ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी। उन्हें साहित्य अकादमी अवॉर्ड भी मिल चुका है, लेकिन मोदी सरकार के खिलाफ ‘अवॉर्ड वापसी’ गैंग का हिस्सा बनते हुए उन्होंने पुरस्कार लौटा दिया था। हर सप्ताह 3 बार मुनव्वर राना की 3 बार डायलिसिस होती है। चेकअप में उनके फेफड़ों में पानी की बहुलता पाई गई थी और उन्हें निमोनिया भी हो गया था। इस कारण उन्हें साँस लेने में भी तकलीफ होती है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया