सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में न्याय के लिए कई लोगों ने अभियान शुरू किया है। इनमें से एक नाम अभिनेता शेखर सुमन का भी है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जाँच के लिए आवाज़ उठाई है।
शेखर सुमन ने स्पष्ट कहा है कि उन्हें इस बता पर यकीन नहीं है कि सुशांत सिंह राजपूत जैसा मजबूत इरादों वाला और प्रतिभाशाली व्यक्ति आत्महत्या कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो वो कोई न कोई सुसाइड नोट ज़रूर छोड़ जाते।
उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के मामले में सीबीआई जाँच के लिए दबाव बनाने हेतु ‘जस्टिस फॉर सुशांत फोरम’ की स्थापना की है। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य है तानाशाही और गुटबाजी ख़त्म करना और माफियाओं पर लगाम लगाना।
उन्होंने सोशल मीडिया में एक ट्वीट के माध्यम से इस बात की सूचना दी। उन्होंने निवेदन किया कि वे इस फोरम के लिए जनता के सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।
शेखर सुमन ने अपने ट्वीट में ‘बॉलीवुड के माफियाओं’ पर लगाम लगाने के लिए लोगों से आवाज़ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत एक बिहारी थे और इसीलिए बिहारियों की भावनाएँ इस घटना के बाद उबाल पर है।
साथ ही उन्होंने कहा कि ये हर राज्य के प्रतिभाशाली लोगों की समस्या है और हमें प्रयास करना चाहिए कि भविष्य में फिर से कोई युवक सुशांत सिंह राजपूत की गति को न प्राप्त हो।
https://twitter.com/shekharsuman7/status/1275302237472845825?ref_src=twsrc%5Etfwउन्होंने कहा कि कई लोगों की तरह उनके भी दिल से आवाज़ उठ रही है कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में जो दिख रहा है, सच्चाई उससे कहीं परे हैं। शेखर सुमन ने गुटबाजों पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के सारे शेर बनने वाले कायर सुशांत के चाहने वालों के कहर से चूहे बन कर बिल में घुस गए हैं, उनके मुखौटे गिर गए हैं।
उन्होंने कहा कि दोहरे रवैये वालों की पोल खुल गई है और न्याय होने तक देश या बिहार चुप नहीं बैठेगा।
Film industry के सारे शेर बनने वाले कायर Sushant ke चाहनेवालों के केहर से,चूहे बनकर बिल में घुस gaye hain.मुखौटे गिर gaye hain..the hypocrites are exposed.Bihar and India won’t sit quiet till the culprits are punished.Bihar Zindabaad.
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) June 22, 2020
उधर दिवंगत अभिनेता इरफ़ान खान के बेटे बाबिल ने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद गर्म हुए चर्चाओं के बाजार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि नेपोटिज्म का विरोध सही है, लेकिन इसमें किसी के नाम को लेकर अपनी लड़ाई न लड़ें। उनका कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद सभी को दोष देने का खेल शुरू हो गया है और इसका कोई अर्थ नहीं बनता है। उन्होंने लोगों से कहा कि वो सुशांत का नाम लिए बिना नेपोटिज्म के खिलाफ आवाज़ उठाएँ।
बता दें कि अभिनेत्री कंगना रनौत और रवीना टंडन के अलावा निर्देशक अभिनव सिंह कश्यप ने भी बॉलीवुड में गुटबाजी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी। बकौल अभिनव, वो लोग ऐसे सफेदपोश हैं जिनके सभी से अच्छे सम्बन्ध हैं और इस खेल में सभी शामिल हैं। उनकी थ्योरी है- “हमाम में सब नंगे हैं, जो नहीं हैं, उनको नंगा करो क्योंकि अगर एक भी पकड़ा गया तो सभी पकड़े जाएँगे।”
वहीं कंगना ने कहा था कि बॉलीवुड के लिए सुशांत ने इतनी अच्छी फिल्में कीं। मगर उन्हें कभी कोई अवॉर्ड नहीं मिला। उन्होंने ‘काय पो छे’ से डेब्यू किया। उन्हें डेब्यू तक का अवॉर्ड नहीं मिला। उन्होंने 6-7 साल के अंतराल में केदारनाथ, धोनी और छिछोरे जैसी अच्छी फिल्में बनाईं। मगर, फिर भी उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं मिला। कोई सराहना नहीं मिली। वहीं, गली बॉय जैसी वाहियात फिल्म को अवॉर्ड मिल जाते हैं।