उज्जैन की मस्जिद के नीचे शिव मंदिर और गणेश प्रतिमा? संत ने कहा – राजा भोज की थी राजधानी, प्रशासन एक्शन ले वरना कोर्ट जाएँगे

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित मस्जिद पर महामंडलेश्वर अतुलेशानंद ने उठाए सवाल (फोटो आभार: लाइव हिंदुस्तान)

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित बिना नींव वाली मस्जिद को लेकर बड़ा दावा किया गया है। महामंडलेश्वर अतुलेशानंद जी महाराजने कहा है कि उज्जैन की मस्जिद के नीचे भगवान शिव का मंदिर और गणेश की प्रतिमाएँ हैं। महामंडलेश्वर अतुलेशानंद जी महाराज ‘अखंड हिन्दू सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि मस्जिद के नीच अति प्राचीन हिन्दू प्रतिमाएँ हैं। उन्होंने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से इस पर कार्यवाही करने की माँग की है।

उनका कहना है कि मस्जिद में सर्वे, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफ़ी कराई जाए, ताकि सब कुछ साफ़ हो जाए। उन्होंने चेताया कि अगर पुलिस-प्रशासन हरकत में नहीं आता है तो वो अदालत का दरवाजा खटखटाएँगे। ‘आवाहन अखाड़े’ के महामंडलेश्वर ने कहा कि उन्होंने खुद 2007 में मस्जिद के भीतर जाकर ये चीजें देखी थीं। उन्होंने बताया कि परमार कालीन राजा रोज के चित्र के अलावा शिव और गणेश की प्रतिमाएँ अंदर हैं।

उन्होंने कहा कि सर्वे, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफ़ी होने तक उन चीजों से कोई भी छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने मस्जिद के अंदर हाथी, घोड़े और पत्थरों पर विशाल पहरेदार सैनिकों की मूर्तियाँ होने का भी दावा किया। संत ने कहा कि ग्वालियर से इस मस्जिद से जुड़े दस्तावेज मँगवाए जाएँगे, जिसके बाद सब साफ़ हो जाएगा। उन्होंने हिन्दुओं की संपत्ति हिन्दुओं को ही सौंपने की माँग की। उन्होंने इतिहास बताया कि क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित उज्जैन राजा भोज की राजधानी रही है, जहाँ 1600 ईस्वी में मुगलों ने तोड़फोड़ मचा कर कब्ज़ा किया था।

वाराणसी के काशी विश्वनाथ परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे-वीडियोग्राफ़ी के लिए अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की है और ये प्रक्रिया चालू भी है। शुरू में मुस्लिमों ने जाम लगा कर कार्य को रोक दिया था। इसी तर्ज पर मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद में भी सर्वे-वीडियोग्राफ़ी की माँग की गई है। उधर दिल्ली में क़ुतुब मीनार का नाम ‘विष्णु स्तंभ’ रखने की माँग की गई है। आगरा में ताजमहल के 22 बंद कमरों को खोलने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका गई है, क्योंकि वहाँ हिन्दू प्रतीक चिह्न और साहित्य होने के दावे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया