2500 डॉलर का लालच, मोगा में 3 युवकों ने लहराया था खालिस्तानी झंडा: जेल में सड़ रहे, फूटी कौड़ी नहीं मिली

सिख फॉर जस्टिस का नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू

तीन सिख युवकों ने 14 अगस्त 2020 को पंजाब के मोगा जिला की प्रशासनिक इमारत पर खालिस्तानी झंडा लहरा दिया था। सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरुपतवंत सिंह पन्नू के उकसाने पर उन्होंने ऐसा किया। तीनों आज भी जेल में बंद हैं और उन्हें फूटी कौड़ी नहीं मिली है। खालसा टुडे के एडिटर इन चीफ सुखी चहल ने यह बात सार्वजनिक की है

चहल के मुताबिक तीनों युवकों का परिवार अब पन्नू को कोस रहा। उसने इस काम के बदले 2500 डॉलर देने का लालच दिया था। लेकिन, इस घटना के बाद कोई पैसा नहीं दिया।

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चहल ने कहा कि भारत के बाहर रहने वाले भारत विरोधी तत्व पंजाब जैसे राज्यों में युवाओं का जीवन बर्बाद कर रहे हैं। इन तीन युवकों के केस से यह सबको पता चलना चाहिए कि यदि कोई लालच में आकर भारत विरोधी कार्य कर रहा है तो वह मात्र अपने आप को संकट में डाल रहा है।

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इस मामले में मोगा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124A (राजद्रोह) और 121 (सरकार के विरुद्ध बगावत) के तहत केस दर्ज किया है। इसके अलावा तीनों युवकों पर राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम के तहत भी धाराएँ लगाई गई हैं।

एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल ने कहा कि तीनों युवक प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के लालच में आ गए थे। गिल ने बताया कि पन्नू ने कई बार ऐसे कामों के लिए 2500 डॉलर अथवा 25,000 डॉलर देने का लालच दिया है और उसके इसी लालच के कारण कई युवा उसके जाल में फँस जाते हैं। एसएसपी गिल ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि तीनों युवक ऑफिस के छत पर चढ़ गए और वहाँ लगे तिरंगे को उतार कर खालिस्तान का झण्डा लगा दिया था। यह एक राष्ट्र विरोधी गतिविधि है।  

गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो में कहा था कि हरियाणा जो कि पंजाब का एक भाग था, खालिस्तान का भाग बनेगा।

लुधियाना सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा था कि पन्नू और जत्थेदार साहब जो जहर फैला रहे हैं उसका असर मोगा में देखने को मिला जब सिख युवकों ने भारतीय तिरंगा उतार कर उसकी जगह खालिस्तान का झण्डा लहर दिया। कानून को इन राष्ट्र विरोधी तत्वों को गिरफ्तार करके इनके माथे पर गद्दार लिख देना चाहिए। बिट्टू ने यह भी कहा था कि समय आ गया है यह समझने का कि कौन इस देश से प्यार करता है और कौन गद्दारी।

‘सिख फॉर जस्टिस’ का नेता पन्नू पंजाब के युवाओं को भड़काने के लिए ‘किसान आंदोलन’ का भी सहारा ले चुका है। उसने भारतीय सेना के सिख जवानों को लद्दाख सीमा छोड़कर सिंघू बॉर्डर आने के लिए कहा था। साथ ही उसने महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को भारत से अलग होने की सलाह भी दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया