1984 दंगे, FIR संख्या 601/84: कमलनाथ से जुड़ा है यह केस, SIT ने दोबारा खोली फाइल

कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ीं

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल, गृह मंत्रालय द्वारा गठित विशेष जाँच दल (SIT) ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े 7 मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ की भूमिका की भी जाँच की जाएगी। इस संबंध में जानकारी साझा करने के लिए SIT द्वारा उन सभी लोगों, समूहों और संस्थाओं को बुलाया जा रहा है, जिन्हें इस विषय में कुछ भी मालूम है।

उल्लेखनीय है कि कमलनाथ से जुड़ा ये केस FIR संख्या 601/84 पर आधारित है। यह उन 7 मामलों में से एक है, जिन्हें फिर से खोला जाएगा। ये मामला उन बयानों और संजय सूरी (क्राइम पत्रकार) जैसे गवाहों पर आधारित हैं जो दावा करते हैं कि कमलनाथ उन सिख विरोधी भीड़ में शामिल थे और जिन्होंने गुरुद्वारा रकाबगंज को ही सीज कर लिया था। हालाँकि उस समय इस मामले में हुई FIR में कमलनाथ का नाम नहीं था और ट्रॉयल रूम ने ये केस बंद कर दिया था, लेकिन अब जैसे ही ये मामला खुला है, लोगों की नजरे फिर से कमलनाथ पर अटक गईं हैं।

सोमवार को दिल्ली में अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी दावा किया है कि जिन मामलों को दोबारा से खोला जा रहा है उनमें से एक केस में कमलनाथ पर भी आरोप लगे हैं। उनका कहना है कि कमलनाथ ने कथित तौर पर इन 7 मामलों में से एक में आरोपी 5 लोगों को कथित तौर पर शरण दी थी।

जानकारी के लिए बता दें कि मनजिंदर सिंह सिरसा ने ही पिछले साल इस मामले के संबंध में गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर 1984 में हुए दंगों की दोबारा जाँच करने की आवाज उठाई थी। उनका कहना है कि नई दिल्ली के संसद मार्ग थाने में दर्ज प्राथमिकी में कमलनाथ का नाम कभी नहीं आया। जबकि उन पर आरोप है कि सिख दंगों के 5 आरोपितों को उन्होंने अपने घर में आश्रय दिया था। जो सबूतों के अभाव में ट्रॉयल कोर्ट ने बरी कर दिए थे। इन सिख विरोधी दंगों से जुड़े 7 मामले 1984 में वसंत विहार, सन लाइट कालोनी, कल्याणपुरी, संसद मार्ग, कनॉट प्लेस, पटेल नगर और शाहदरा पुलिस थानों में दर्ज किए गए थे।

सिरसा की मानें तो उन्होंने इस मामले से संबंधित दो गवाहों से बात कर ली है, जो एसआईटी की जाँच में सहयोग करेंगे। पहले संजय सूरी, जो फिलहाल इंग्लैंड में रहते हैं और दूसरे मुख्तियार सिंह जो पटना के रहने वाले हैं। ये दोनों गवाह एसआईटी को दंगों में कमलनाथ की भूमिका के बारे में बताएँगें।

इसके अलावा सिरसा ने कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी से भी कमलनाथ के इस्तीफ़े की माँग की है। उन्होंने कहा है कि सोनिया गाँधी कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के लिए कहें। ताकि सिखों को इससे न्याय मिल सके।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया