मिल गईं लक्ष्मी, रामनवमी के दिन खरगोन दंगे के बाद से थीं लापता: मध्य प्रदेश पुलिस ने बताई पूरी कहानी

खरगोन में गायब हिन्दू महिला लक्ष्मी को ढूँढने के लिए SIT का गठन

अपडेट: खरगोन दंगों के बाद से लापता लक्ष्मी नाम की महिला को मध्य प्रदेश पुलिस ने खोज निकाला है। लक्ष्मी को खंडवा रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे में देखा गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिले के एसपी ने बताया है कि लक्ष्मी अपनी मर्जी से गई थीं। इस संबंध में महिला के परिवार से भी पुलिस की बात हो गई है।

इससे पहले खरगोन दंगों के बाद लापता लक्ष्मी की रिपोर्ट (नीचे पूरी रिपोर्ट पढ़ सकते हैं) हमने की थी। उसके बाद इनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी।

मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में एक महिला के लापता होने की सूचना है। उक्त हिन्दू महिला दंगाइयों द्वारा पथराव के समय अपने बच्चे को खोजने के लिए बाहर निकली थी। 10 अप्रैल, 2022 के बाद वो घर वापस नहीं लौटी है। अब उस महिला का पता लगाने के लिए SIT (विशेष जाँच दल) का गठन किया गया है।

‘न्यूज़ नेशन’ की खबर के मुताबिक, महिला का नाम लक्ष्मी सरोनिया है। परिवार वाले उनके साथ किसी अनहोनी की आशंका से सहमे हैं। अभी तक पुलिस को लक्ष्मी के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है। लक्ष्मी की लम्बाई लगभग 5 फिट और रंग गोरा है। घटना के समय उन्होंने चॉकलेटी रंग का सलवार सूट पहन रखा था।

लक्ष्मी के परिजन ने बताया, “घटना के दिन लक्ष्मी का बेटा जुलूस देखने गया था। इस दौरान हमें पता चला कि पत्थरबाजी हो रही है और मकान जला दिए गए हैं। आँसू के गोले भी फेंके जा रहे थे। मैं भी बाहर निकला और बच्चों को खोज कर घर लाया। घर पर ताला लगा था।” लक्ष्मी के बेटे अभिजीत ने बताया, “हम रामजी की यात्रा में गए थे। जब घर लौटे तो घर पर ताला लगा था।”

वहीं NBT के मुताबिक, लक्ष्मी के जेठ पवन कुमार ने बताया, “कर्फ्यू लगा है, जिस से हम काफी परेशान हैं। पुलिस लक्ष्मी को तलाशने के लिए अभी इंतज़ार करने को कह रही है। लक्ष्मी के पति अपनी पत्नी की तलाश में ग्वालियर रवाना हो गए हैं। हमने मदद के लिए RSS के स्थानीय कार्यकर्ताओं से भी सम्पर्क किया है। बच्चे अपनी माँ के लिए रो रहे हैं।” इस घटना पर खरगोन के प्रभारी SP रोहित काशवानी ने महिला की जल्द जानकारी निकालने का आश्वासन दिया है।

ABP न्यूज़ पर बात करते हुए लक्ष्मी के परिवार वालों ने कहा, “जिस समय दंगा हुआ उसी समय लक्ष्मी का फोन बंद हो गया था। तब से अब तक फोन बंद ही आ रहा है। अगर पुलिस चाहे तो फोन ऑफ होने से पहले की कॉल डिटेल निकाल कर जाँच कर सकती है। पर हमें दूसरे जरूरी काम बता कर पुलिस टाल रही है। इस बीच हमने अपने सभी रिश्तेदारों से बात कर ली है। किसी को भी लक्ष्मी के बारे में कुछ भी नहीं पता।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया