फजरुद्दीन, सलीम, अली ने मिलकर दलित संजय को मार डाला था, 6 महीने से न्याय की आस

संजय और रुख़सार शादी के बाद का फोटो (फाइल फोटो)

हेट क्राइम का एक और पीड़ित परिवार पिछले 6 महीने से न्याय का इंतजार कर रहा है। पता नहीं कब उसे न्याय मिलेगा। मामला हरियाणा के फरीदाबाद जिले में अगस्त में अपनी पत्नी के परिवार के हाथों 22 वर्षीय संजय कुमार की निर्मम हत्या का है।

एक दलित हिंदू, संजय ने एक मुस्लिम महिला से शादी करने और अपने परिवार का धर्म परिवर्तित करने की माँग को स्वीकार न करने की कीमत अपनी जान देकर चुकाई। मुस्लिम युवती के परिवार वालों ने युवक की वीभत्स तरीके से हत्या कर दी।

संजय की मौत के बाद, उसकी माँ मंजू, मानसिक रूप से विकलांग नाबालिग भाई और पाँच साल पहले शादी के बंधन में बँध चुकी एक बहन सहित पूरा परिवार न केवल वित्तीय संकट से जूझ रहा है, बल्कि अपने प्रियजन के लिए न्याय की लड़ाई में भी खुद को अशक्त पा रहा है।

बता दें कि संजय 16 अगस्त 2018 की शाम को लापता हो गया था, एफआईआर 19 अगस्त को दर्ज की गई थी और उसका क्षत-विक्षत शरीर 21 अगस्त को पास के पहाड़ी जंगल में पाया गया था।

इस घटना से लगभग एक साल पहले, संजय ने रुखसार के साथ राजस्थान में अपने दादा के गाँव जाकर हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली थी। दोनों आठ महीने बाद फरीदाबाद लौट आए, जब रुखसार, जो अब खुद को रुक्मिणी कहती थी, गर्भवती हो गई। लड़के की माँ मंजू के अनुसार, रुखसार के परिवार ने उसे उसके पाँच महीने के भ्रूण का गर्भपात कराने और उसके माता-पिता के घर लौटने के लिए मजबूर किया। फिर भी, दोनों ने लगातार संपर्क बनाए रखा था।

मंजू के अनुसार, रुखसार के पिता फजरुद्दीन खान और भाई सलीम खान ने 15 अगस्त को संजय को फोन किया था, जब वह राजस्थान में था, और उसे कॉलोनी लौटने के लिए मना लिया, ताकि दोनों पक्ष प्रेमी युगल के विवाह का मामला सुलझा सकें। अगले दिन, सलीम और फजरुद्दीन संजय के घर मोटरसाइकिल पर आए और उसे ले गए।

वे संजय को जंगल में ले गए, दो पुरुषों की मदद से इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया और उसके शरीर को सड़ने के लिए छोड़ दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, जब संजय का मृत शरीर सड़ी हालत में हासिल हुआ तो उससे क्रूरता की हदों का पता चला। उसका मलाशय गायब था, उसके गुदा में कोई वस्तु डालकर उसे जबरन बाहर निकाला गया था। उनके लिंग को काट दिया गया था। उसके फेफड़े गायब थे, उसका शरीर खुला हुआ था। यहाँ तक कि आँखे भी निकाल ली गई थी। उसके कई दांत गायब थे। उसे बाँध कर घसीटा गया था। कुछ स्थानों पर त्वचा को बुरी तरह से छील दिया गया था, जिसमें एक पैच भी शामिल था जहाँ ‘ओम’ का एक टैटू मौजूद था।

मंजू के भाई प्रह्लाद ने कहा कि उसने अपनी बहन से उन तथ्यों को छिपाया। कई वर्षों से विधवा रहीं मंजू ने 10 साल पहले अपने बड़े बेटे को भी खो दिया था, जिनकी बिजली के झटके से मौत हो गई थी। और अब इस हादसे ने पूरी तरह से मंजू को तोड़ दिया।

स्वराज मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपपत्र में रुखसार का उल्लेख नहीं है। उसका बयान महत्वपूर्ण है, लेकिन दर्ज नहीं किया गया है। परिवार इसके लिए प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुका है।

चार्जशीट में चार अभियुक्तों का नाम है- फजरुद्दीन, सलीम, सलीम के चाचा अली मोहम्मद और सलीम के पड़ोसी सुमित ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया है।

आज 6 महीने बीतने के बाद भी परिवार न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है। चूँकि, इस मामले में मृत हिन्दू है तो तथाकथित हल्ला बोल मीडिया ने भी इसे कोई खास कवरेज नहीं दिया। और न ही इस मामले में कोई अवार्ड वापसी गैंग सामने आया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया