‘हम बड़ी तैयारी के साथ शामिल होंगे’: जानिए क्यों राम मंदिर उद्घाटन की प्रतीक्षा कर रहा दक्षिण कोरिया, अयोध्या में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन मूर्तियाँ

निर्माणाधीन राम मंदिर एवं खुदाई के दौरान मिले प्राचीन अवशेष (फोटो साभार : ट्विटर_ChampatRaiVH)

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इस दौरान मंदिर निर्माण के दौरान की गई खुदाई में प्राचीन अवशेष मिले हैं, जिन्हें आमजनों को देखने के लिए भी रखा जाएगा। इन अवशेषों को ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के महासचिव चंपत राय ने X (पूर्व में ट्विटर) पर भी शेयर किया है। इस बीच, भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत ने कहा कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार अगर राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में उन्हें बुलावा भेजेंगे, तो उनके देश की तरफ से कार्यक्रम में जोरदार भागीदारी की जाएगी।

उन्होंने अयोध्या को भारत और दक्षिण कोरिया के रिश्ते के लिए बेहद महत्वपूर्ण करार दिया है।

राम मंदिर निर्माण के समय मिले प्राचीन अवशेष

‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के महासचिव चंपत राय ने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें नक्काशी किए गए पत्थर और मंदिर के अवशेष दिख रहे हैं। इसमें कुछ पत्थर की मूर्तियाँ भी दिख रही हैं। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “श्री रामजन्मभूमि पर खुदाई में मिले प्राचीन मंदिर के अवशेष। इसमें अनेकों मूर्तियाँ और स्तंभ शामिल हैं।”

राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होना चाहता है दक्षिण कोरिया

इस बीच अयोध्या में रामलला के मंदिर के उद्घाटन को लेकर दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर बुलाती है, तो दक्षिण कोरिया की तरफ से जश्न में कोई कमीं नहीं छोड़ी जाएगी। PTI द्वारा जारी वीडियो में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने कहा, “अयोध्या भारत और साउथ कोरिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार या यूपी सरकार को राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए। अगर भारत सरकार आधिकारिक निमंत्रण देती है तो निश्चित तौर पर दक्षिण कोरिया कार्यक्रम में शामिल होने के लिए काम करेगा।”

राजदूत चांग जे-बोक ने ने कहा कि अयोध्या ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से दक्षिण कोरिया के लिए महत्वपूर्ण है। कोरियाई किंवदंतियों के अनुसार, अयोध्या राज्य की एक भारतीय राजकुमारी अपने राजकुमार से शादी करने के लिए कोरिया गई थी। इस दौरान उन्होंने बताया कि कोरिया में अयोध्या को ‘अयुधा’ कहा जाता है और हमारा संबंध 2000 साल से भी अधिक पुराना है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में बुलाने पर दक्षिण कोरिया अपनी तरफ से बड़ी तैयारी करते हुए शामिल होगा।

साल 2018 में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की पत्नी गई थीं अयोध्या

वैसे, साल 2018 में दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जंग-सूक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या का दौरा किया था। वो उस साल 6 नवंबर को आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं और उन्होंने अयोध्या में रानी सुरीरत्ना (हुह ह्वांग-ओके) के नए स्मारक के भूमि पूजन समारोह का भी नेतृत्व किया था। ये वहीं रानी सुरीरत्ना हैं, जिनका विवाह कोरिया के राजा से हुआ था। राजा से शादी के बाद उन्हें रानी हू ह्वांग-ओक के नाम से जाना जाने लगा।

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बता दें कि धर्म नगरी अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। वहीं, प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियाँ भी जोरों पर हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से लाखों मेहमानों के पहुँचने की उम्मीद है।

बाल रूप में विराजमान होंगे रामलला

अयोध्या में भगवान राम अपने भव्य मंदिर में बाल रूप में विराज मान होंगे। राम मंदिर की चौखट मार्बल की है। इसके दरवाजे महाराष्ट्र से आई लकड़ी के बने हैं जिन पर अयोध्या में ही नक्काशी करवाई जा रही है। जुलाई में चम्पत राय ने बताया था कि मंदिर के फिनिशिंग टच जैसे छोटे-मोटे काम दिसंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद जताई थी। साथ ही कहा था कि अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण में 21 लाख ग्रेनाइट, घनपुट, सैंड स्टोन और मार्बल प्रयोग हो रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर के हर हिस्से को ऐसी मजबूती से बनाया जा रहा है जिसे लगभग 1 हजार वर्ष तक मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया