सरस्वती माँ की तोड़ी मूर्ति, शोभायात्रा पर पत्थर-लाठी-डंडे… मुस्लिम इलाके और मजहबी स्थलों में ‘भाईचारे’ की मौत: भागलपुर, राँची और दरभंगा में बवाल

बिहार के भागलपुर, राँची, दरभंजा में सरस्वती पूजा के बाद पथराव (फोटो साभार: हिंदुस्तान, प्रभात खबर, दैनिक जागरण)

सरस्वती पूजा के बाद विसर्जन के दिन बिहार के दरभंगा, भागलपुर और झारखंड के राँची में शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी की घटना सामने आई। इस दौरान कुछ जगह माँ की मूर्ति भी क्षतिग्रस्त की गई और दर्जन से ज्यादा लोग भी घायल हुए। बवाल इतना ज्यादा बढ़ा कि प्रशासन को धारा 144 लगानी पड़ी और इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा।

भागलपुर में बिगड़े हालात

भागलपुर में यह पत्थरबाजी की घटना लोदीपुर में शुक्रवार (16 फरवरी 2024) रात हुई। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को तहबलपुर मंडल टोला की प्रतिमा लोदीपुर मुस्लिम टोला से गुजरकर मैदान तक जानी थी। लेकिन, मुस्लिम टोले से गुजरते वक्त बीच में ही पथराव होने लगा।

यात्रा में शामिल लोग इधर-उधर भागे। इस दौरान सरस्वती माता की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसे देख जुलूस में शामिल युवक भी गुस्से में आ गए। नतीजतन दो घंटे तक अराजत स्थिति बनी रही। लोदीपुर पुलिस को जब घटना की सूचना मिली तो वो मौके पर पहुँचे। उनके साथ केंद्र की दंगा नियंत्रण बल और अतिरिक्त पुलिस बल को भेज हालातों को नियंत्रण में लिया गया। भारी पुलिस देख पत्थरबाज भी शांत हुए। लेकिन पुलिस वहाँ गश्त करती रही और अपनी मौजूदगी में सरस्वती माता की प्रतिमाओं का विसर्जन कराया।

दरभंगा में थाने के करीब पत्थरबाजी

दरभंगा के बेनीपुरबहेड़ा में भी शुक्रवार की देर शाम सरस्वती माता के विसर्जन जुलूस पर पथराव की घटना सामने आई। यहाँ तो पत्थरबाज इतने बेखौफ थे कि थाना महज 200 गज दूरी पर था फिर भी उन्होंने जुलूस पर जोर-जोर से पत्थर फेंके। इस घटना में डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए।

प्रभात खबर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, विसर्जन का जुलूस बहेड़ा बाजार से छोटे बाजार जा रहा था। प्रतिमा को तालाब में विसर्जित करने का प्रयास हो रहा था। जुलूस तालाब से कुछ ही दूर था। इसी बीच मजहबी स्थल के पास वाली छतों से कुछ अराजक तत्वों ने पत्थर फेंकने शुरू किए।

देखते ही देखते ही जुलूस की जगह सड़क पर अफरातफरी मच गई। पुलिस ने फौरन घटनास्थल पर पहुँच स्थिति संभालने का प्रयास किया। विभिन्न थाने के अध्यक्ष वहाँ पहुँचे और बड़ी मुश्किल से लोगों को शांत कराया गया। लेकिन तब तक दर्जन से ज्यादा लोग इस घटना में घायल हो गए थे, जिनका इलाज बहेड़ा के पीएचसी में हुआ।

बता दें कि इस घटना से पहले दरभंगा में एक और जगह हिंसा की घटना सामने आई थी। दरभंगा के ही कसाई टोला में गुरुवार (15 फरवरी 2024) को सरस्वती माता के विसर्जन के दौरान हिंदुओं के जुलूस पर हमला हुआ था। घटना में कई लोगों को चोट आई थी और इस्लामिक कट्टरपंथियों ने माँ सरस्वती की मूर्ति भी खंडित कर दी। इस हमले में तेजाब का इस्तेमाल भी हुआ था। जाँच में पता चला कि घटना को अंजाम देने के लिए पहले से वॉट्सएप के जरिए प्लॉनिंग की गई थी।

झारखंड राँची के नगड़ी में सड़क पर बिछे पत्थर ही पत्थर

इसी तरह झारखंड के राँची के नगड़ी के मेन रोड में प्रतिमा विसर्जन के दौरान शुक्रवार की शाम को बवाल हुआ। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार 16 फरवरी 2024 को 8 बजे यात्रा में शामिल लोग नाच-गाना करते हुए मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे थे। इसी दौरान उनका जुलूस मजहबी स्थल के भी आगे से गुजरा और तभी दोनों पक्षों में विवाद शुरू हुआ।

बात इतनी बढी कि पत्थरबाजी होने लगी। उसके बाद असामाजिक तत्वों ने लाठी-डंडे चलाए और कई राउंड फायरिंग भी की। हालाँकि पुलिस ने बवाल में फायरिंग की बात की पुष्टि नहीं की है। लेकिन ये पता चला है कि इस घटना में भी आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए।

बिगड़ते हालात देखते हुए प्रशासन ने अंचल क्षेत्र में धारा 144 लागू की। वहीं मौके पर पुलिस के आला अधिकारी भी पहुँचे। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी। भीड़ इतनी उग्र थी कि उन्होंने वाहनों तक में तोड़फोड़ की और आते-जाते लोगों को पीटने लगे।

सड़क पर पत्थर ही पत्थर नजर आए। लोग मजहबी स्थल के पास हथियार लेकर जुट गए और नारेबाजी होने लगी। पुलिस ने मौके पर पहुँच इन्हें समझाया और उपद्रवियों को खदेड़ा। इसके बाद हालात संभालने के लिए वहाँ अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया