‘बेकसूर… उसे सिर्फ मुस्लिम होने की सजा मिली’ : याद करें ताहिर हुसैन को समर्थन देने वालों के नाम, जो गिरफ्तारी के बाद बिलबिलाए थे, अब साधी चुप्पी

ताहिर हुसैन के बचाव में उतरा था इकोसिस्टम, कपिल मिश्रा के तीखे सवाल (फाइल फोटो)

दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगा मामले में आप के पूर्व पार्षद रहे ताहिर हुसैन के खिलाफ कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। मामला दंगो के दौरान आईबी स्टाफ अंकित शर्मा की हत्या से जुड़ा है। दिल्ली दंगो के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अंकित शर्मा की हत्या कर दी गई थी। इसी हत्या मामले में ताहिर हुसैन समेत 11 अन्य लोगों पर आरोप तय किए गए हैं। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया पर ताहिर हुसैन की गिरफ्तारी के बाद उसे बचाने की कोशिश करने वालों पर जबर्दस्त हमला बोला।

कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “राजदीप, स्वरा भास्कर, अरफ़ा शेरवानी, जावेद अख़्तर, विशाल ददलानी, जुबैर, सायमा, विनोद कापरी जैसे लोग ताहिर हुसैन को विक्टिम बताने की कोशिश कर रहे थे। वे लोग गलती से ऐसा कर रहे थे या सब दंगों की साज़िश का हिस्सा था?”

शेयर किए गए वीडियो में कपिल मिश्रा ने पूछा कि आखिर दिल्ली दंगों के आरोपित और अंकित शर्मा के हत्या में ताहिर हुसैन को किस नियत से बचाया जा रहा था। अपने 1 मिनट 55 सेकेंड के वीडियो में भाजपा नेता ने कई ऐसे नाम गिनवाए जिन्होंने ताहिर हुसैन को विक्टिम साबित कर उसे बचाने की कोशिश की थी।

दिल्ली दंगों में ताहिर हुसैन की भूमिका सामने आने के बाद वामपंथी गिरोह ने ऑर्गनाइज तरीके से मिल रहे सबूतों को नकार दिया था। अपने इकोसिस्टम का इस्तेमाल कर दंगाई को ही विक्टिम बनाने की कोशिश की थी। उदाहरण के लिए साल 2020 में दंगों में ताहिर हुसैन का नाम सामने आने के बाद किए गए कुछ ट्वीट देखिए।

तथाकथित पत्रकार राणा अय्यूब ने 6 मार्च 2020 को लिखा, “ताहिर हुसैन गिरफ्तार कर लिया गया। कपिल मिश्रा को Y+ स्तर की सुरक्षा दी गई। अनुराग ठाकुर स्वतंत्र हैं। अमित शाह से सवाल पूछने वाला कोई नहीं है। मोदी के नाम का जश्न मनाया जा रहा है। इसे ही मेजोरिटी प्रिविलेज (बहुसंख्यक विशेषाधिकार) कहा जाता है।”

पत्रकार राजदीप सरदेसाई को इस बात से आपत्ति हो गई कि लोग अंकित शर्मा के नृशंस हत्या की बात क्यों कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि दिल्ली दंगों में अब तक 35 लोगों की मौत हो गई है। लेकिन दक्षिणपंथियों के लिए सिर्फ अंकित शर्मा की हत्या मायने रखती है क्योंकि आरोपित ताहिर हुसैन है।

फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने ट्वीट कर ताहिर हुसैन, उमर खालिद और खालिद सैफी को बेकसूर बताने की कोशिश की। कश्यप ने लिखा कि दिल्ली पुलिस के अनुसार 8 जनवरी को तत्कालिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय देश का माहौल खराब करने के लिए ताहिर, उमर और खालिद ने दंगो की साजिश रची। जबकि ट्रंप के दौरे की जानकारी 13 जनवरी को दी गई थी।

इसी तरह बॉलीवुड गायक और म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी ने भी ताहिर हुसैन को बेकसूर बताया। विशाल ने ट्विटर पर लिखा कि दंगो में शामिल कोई शख्स पुलिस को फोन क्यों करेगा।

साक्षी जोशी ने भी पुलिस को फोन करने के आधार पर ताहिर हुसैन को बेकसूर ठहराया। साक्षी जोशी के पति विनोद कापरी ने भी पुलिस को फोन करने के आधार पर ताहिर हुसैन को बेकसूर बताने की कोशिश कर रहे थे।

उन्होंने लिखा, “वीडियो तो दंगों के वक्त का ही है, ये साफ है। ताहिर दंगों में शामिल था तो वो बार बार पुलिस को अपने घर क्यों बुला रहा था? पुलिस ने भी तस्दीक़ (पुष्टि) की है कि ताहिर ने उन्हें कई बार फोन किया था।”

इन सब से 2 कदम आगे बढ़ते हुए आरफा खानम शेरवानी ने ताहिर हुसैन का इंटरव्यू किया। यह साक्षात्कार तब किया गया जब दिल्ली पुलिस ताहिर हुसैन की तलाश कर रही थी। उसने दंगाई ताहिर को कानून का पालन करने वाला नागरिक दिखाने की कोशिश की। आरफा ने साक्षात्कार के लिंक को ट्विटर पर शेयर किया। उसने लिखा, “कोर्ट द्वारा आत्मसमर्पण याचिका रद्द कर दी गई है। ताहिर हुसैन को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।” ताहिर हुसैन ने ‘द वायर’ से कहा था, “मुझे अपनी न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने जा रहा हूँ। पूरा इंटर्वयू यहाँ देखें।”

बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर ने दिल्ली पुलिस को कोसते हुए लिखा था कि दंगो में कई लोग मारे गए, कई घायल हुए, कई घर जला दिए गए, दुकानें लूट ली गईं, बहुत सारे लोग बेसहारा हो गए लेकिन दिल्ली पुलिस ने केवल एक घर सील किया। उस घर के मालिक का नाम है ताहिर हुसैन।

आम आदमी पार्टी नेता अमानतुल्लाह खान ने भी ताहिर हुसैन की बचाव में कई ट्वीट किए। अमानतुल्लाह ने मुस्लिम कार्ड खेलते हुए लिखा कि ताहिर आज मस्लिम होने की सजा पा रहा है। एक अन्य ट्वीट में अमानतुल्ला ने लिखा कि बीजेपी अपने लोगों को बचा रही है और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

बता दें कि ताहिर हुसैन ने न्यायिक हिरासत के दौरान अपना गुनाह कबूला था। उसने खुलासा करते हुए बताया था कि वो CAA के समर्थकों को सबक सिखाना चाहता था। इसलिए साथियों के साथ मिलकर दंगो की प्लानिंग की थी। 23 मार्च 2023 को कोर्ट ने माना कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साजिश के तहत हिंदुओं पर हमले किए गए। ताहिर हुसैन इस साजिश में शामिल था। ताहिर हुसैन के अलावा हसीन, नाजिम, कासिम, समीर खान, अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब आलम और मुंतजिम हिंसा में शामिल थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया