अब महंत नरसिंहानंद पर चलेगा सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला, अटॉर्नी जनरल ने दी मंजूरी: अलीगढ़ की ‘धर्म संसद’ स्थगित

प्रतीकात्मक इमेज (फोटो साभार: अमर उजाला)

उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार में पिछले महीने हुई धर्म संसद (Dharm Sansad) के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ जिले में 22 और 23 जनवरी 2022 को होने वाली धर्म संसद को कोरोना के चलते रद्द कर दिया गया है। इसको लेकर धर्म संसद की आयोजक महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडे (Pooja Shakun Pandey) ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण में ही अलीगढ़ में वोटिंग होनी है। साथ ही कोरोना की तीसरी लहर भी है। उन्होंने कहा, “सबसे अहम बात ये कि मेरे दो शेर योद्धा उत्तराखंड की जेलों में बंद है।”

अन्नपूर्णा भारती यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand) और जीतेंद्र नारायण त्यागी के जेल में बंद होने के कारण निर्णय लिया है कि अलीगढ़ धर्म संसद को रद्द किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि महाराजजी के बाहर आने के बाद समय तय कर धर्म संसद आयोजित की जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार (21 जनवरी 2022) को सुप्रीम के खिलाफ कथित टिप्पणी के मामले में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल (KK Venugopal) को यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ कार्रवाई को पत्र लिखा गया था।

इस मामले में यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता शची नेल्ली ने वेणुगोपाल को पत्र लिखा था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में केस चलाने के मामले में केस चलाने के लिए अदालत की अवमानना अधिनियम की धारा 15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की इजाजत आवश्यक है।

क्या कहा था महंत यति नरसिंहानंद ने

शिकायतकर्ता नेल्ली के मुताबिक, यति नरसिंहानंद ने विशाल नाम के एक व्यक्ति को दिए इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट और संविधान के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। नरसिंहानंद सरस्वती से हरिद्वार धर्म संसद की कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट, इस संविधान पर हमें कोई भरोसा नहीं है। ये संविधान हिंदुओं को खा जाएगा, इस देश के 100 करोड़ हिंदुओं को खा जाएगा। इस संविधान में विश्वास करने वाले सारे लोग मारे जाएंगे। जो लोग इस सिस्टम पर, नेताओं पर, पुलिस, फौज और सुप्रीम कोर्ट में भरोसा करेगा, वे सभी कुत्ते की मौत मरने वाले हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया