सुप्रीम कोर्ट ने BBC की डॉक्यूमेंट्री पर से तुरंत बैन हटाने से इनकार किया, केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस: याचिका डालने वालों में प्रशांत भूषण-महुआ मोइत्रा

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तीन हफ्तों में माँगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को बैन करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। शीर्ष न्यायालय ने शुक्रवार (3 फरवरी, 2023) को इस मामले में केंद्र से तीन हफ्ते में जवाब माँगा है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने केंद्र को सुनवाई की अगली तारीख पर अपने फैसले से संबंधित ऑरिजिनल रिकॉर्ड पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई अप्रैल 2023 को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार एन राम, एडवोकेट प्रशांत भूषण और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से दायर याचिका पर कोई भी अंतरिम आदेश देने से साफ इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने अगली सुनवाई पहले की जानी की माँग की, लेकिन पीठ ने मना कर दिया।

कोर्ट ने यह भी कहा कि वह केंद्र सरकार की बात सुने बिना कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं कर सकते हैं। इसलिए उन्हें अगली सुनवाई की तारीख पर सभी रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया गया है। दरअसल, अदालत इस मामले में दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। एक अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर की गई है और दूसरी तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, पत्रकार एन राम और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर की है।

शर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाना मनमाना और असंवैधानिक रवैया है। प्रतिबंध हटाने की माँग के अलावा, शर्मा ने दंगों को रोकने में विफल रहने के लिए जिम्मेदार लोगों की जाँच की माँग भी की।

गौरतलब है कि बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो पार्ट में बनाई गई विवादित डॉक्यूमेंट्री सीरीज में गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी के कार्यकाल पर हमला किया है। इसको लेकर बीते दिनों केंद्र सरकार ने ट्विटर और यूट्यूब से डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक हटाने का आदेश जारी किया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब वीडियो के लिंक वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को ब्लॉक किया गया था। विदेश मंत्रालय ने इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश करार दिया था।

दरअसल, इस डॉक्यूमेंट्री में गोधरा कांड में इस्लामवादियों की भूमिका पर पर्दा डालने की कोशिश की गई है। गोधरा कांड में 59 हिंदू मारे गए थे।

BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री में पीएम मोदी और भारत की छवि खराब करने का प्रयास किया गया है। विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और ‘जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU)’ में काफी बवाल भी हुआ था। बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर हाल ही में बीजेपी सांसद और सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी (Mahesh Jethmalani) ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने बीबीसी पर चीनी कंपनी से पैसा लेकर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया था। साथ ही बीबीसी को भारत विरोधी और बिकाऊ बताया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया