‘लोगों को साफ हवा में लेने दो सांस’: दीवाली में पटाखों पर लगे बैन के खिलाफ तत्काल सुनवाई से SC ने किया इनकार, मनोज तिवारी की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों से बैन हटाने से किया इनकार (प्रतीकात्मक फोटो साभार: Siliguri Times)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पटाखों पर बैन के दिल्ली सरकार (Delhi Government) के फैसले के खिलाफ चुनौती देने वाली भाजपा सांसद मनोज तिवारी की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal) ने दीपावली पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों पर बैन (Ban on Firecracker) लगा दिया है।

मनोज तिवारी की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को स्वच्छ हवा में साँस लेने दीजिए और अपने रुपयों से मिठाइयाँ खरीदिए। दिल्ली सरकार ने पटाखों के खरीद-बिक्री के साथ-साथ इसके उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसका उल्लंघन करने पर 200 रुपए जुर्माना और 6 महीने जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।

उधर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले गुरुवार (20 अक्टूबर 2022) को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पटाखा विक्रेताओं की याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिका में पटाखा कारोबारियों ने कहा था कि दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी (DPCC) द्वारा 14 सितंबर 2022 को लगाया गया प्रतिबंध अवैध और मनमाना है।

पटाखा कारोबारियों ने कोर्ट में तर्क दिया कि DPCC के इस फैसले से उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है। इसलिए हाईकोर्ट उन्हें ग्रीन पटाखों को बेचने की अनुमति दे। हालाँकि, हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर यह कहते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया कि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस याचिका में विक्रेताओं ने DPCC के फैसले को चुनौती दी थी।

इससे पहले 10 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने मनोज की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार द्वारा पटाखा पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने से इनकार कर दिया था। याचिका में भाजपा सांसद तिवारी ने कहा था कि दिल्ली में प्रदूषण पराली जलाए जाने के कारण हो रही है।  

इस दौरान न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने दिवाली के दौरान प्रदूषण के स्तर पर भी चिंता व्यक्त की थी। पीठ ने कहा था कि प्रदूषण को और नहीं बढ़ाया जाना चाहिए, इसलिए पटाखों की अनुमति नहीं दी सकती, चाहे वो ईको फ्रेंडली पटाखों की ही क्यों न हो।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया