बाबरी का काम देख तीस्ता को मिला था गुजरात दंगों के बाद ‘कॉन्ट्रैक्ट’, अहमद पटेल ने कहा था – फंड नहीं रुकेगा: पूर्व करीबी का खुलासा

अहमद पटेल ने दिए थे तीस्ता सीतलवाड़ को फंड

गुजरात दंगों के बाद मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए रची गई साजिश मामले में तीस्ता सीतलवाड़ की भूमिका पर उनके पूर्व सहयोगी रईस खान पठान ने बड़ा बयान दिया है। पठान ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि जब पटेल ने तीस्ता को रुपए दिए थे उस समय वह उसी जगह मौजूद थे। उनके सामने ही यह 30 लाख रुपए की लेन-देन हुई थी।

एएनआई से बातचीच में उन्होंने कहा,

“जो बात सामने आ रही 30 लाख रुपयों की वो बिलकुल दंगों के शुरुआती दिनों की बात है। तीस्ता बहुत पहले से अहमद पटेल को जानती थीं। लेकिन जब दंगे हुए उसके कुछ दिन बाद की मुलाकात जो है वो शाही बाग के सर्किट हाउस में हुई थी। वहाँ उनके साथ मैं भी गया था।”

रईस ने बताया कि उस मुलाकात में पटेल ने तीस्ता को कहा था- “आपको मैं अच्छे से जानता हूँ, आपके कामों से मैं अच्छे से वाकिफ हूँ, आपने बाबरी मस्जिद-राम मंदिर पर जो भूमिका निभाई है उससे भी मैं बखूबी वाकिफ हूँ। लेकिन अभी हम सत्ता में नहीं हैं।

पठान के अनुसार, अहमद पटेल से तीस्ता की लंबी बातचीत के बाद सीतलवाड़ ने कहा कि उनके पास फंड नहीं हैं और फंड की कमी हुई तो वह लोग काम नहीं कर पाएँगे क्योंकि गुजरात में जो कुछ हुआ है वो बहुत बड़ा है।

पठान के मुताबिक अहमद पटेल ने सीतलवाड़ की बात सुनने के बाद कहा,

“आप अपने काम को जारी रखिए। काम को आगे बढ़ाइए। रहा फंड का सवाल तो आप बेफिक्र हो जाइए क्योंकि फंड आपको मिल जाएगा। हमारी पार्टी तो आपको जितना हो सकेगा फंड देगी लेकिन साथ में आपको देश विदेश की एजेंसियों से भी फंड आएँगे। इसके बाद सीतलवाड़ ने कहा कि जब आप आश्वासन दे रहे हैं तो ठीक है आप जैसा चाहेंगे हम वैसा काम करेंगे”

रईस पठान इस खुलासे के साथ बताते हैं कि पहली फंडिंग 5 लाख रुपए की सर्किट हाउस में हुई थी और अगली मुलाकात में 25 लाख रुपए तीस्ता को अहमद पटेल द्वारा दिए गए थे।

भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस

बता दें कि गुजरात दंगों में मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ की जो भूमिका एसआईटी जाँच में उभर कर आई है, उसके बाद बीजेपी नेता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि एसआईटी का हलफनामा कहता है कि गुजरात दंगों के दौरान तीस्ता सीतलवाड़ और उनके सहयोगी मानवता के नाम पर काम नहीं कर रहे थे बल्कि उनके दो मकसद थे। पहला गुजरात की तत्कालीन सरकार को अस्थिर करना। दूसरा बेगुनाह लोगों को दोषी बताना।

पात्रा ने कहा कि नरेंद्र मोदी को अपमानित करने के लिए अहमद पटेल सिर्फ एक नाम थे। षड्यंत्र तो असली सोनिया गाँधी ने रचा था। इतना ही नहीं भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि गुजरात की और नरेंद्र मोदी को छवि धूमिल करने के लिए सोनिया गाँधी ने तीस्ता को पद्मश्री से सम्मानित भी किया। एसआईटी का हलफनामा ये भी कहता है कि गुजरात दंगों को लेकर तीस्ता ने राज्यसभा सीट माँगी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया