‘प्रीति’ रेड्डी केस: बार काउंसिल ने कहा- विशेष अदालत का गठन करे सरकार, आरोपितों की पैरवी न करें वकील

मौत के बाद भी बंद नहीं थमे दरिंदे

तेलंगाना में पशु चिकित्सक डॉ. प्रीति (बदला हुआ नाम) रेड्डी के सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोपितों को अदालत में अपनी तरफ़ से खड़ा होने के लिए वकील तलाशने में भी मुश्किलें खड़ी हो सकती है। हैदराबाद के जिस जिले में यह घटना हुई है, वहाँ की बार काउंसिल ने नोटिस जारी कर यह अपील की है कि उसका कोई भी सदस्य आरोपितों की पैरवी अदालत में नहीं करे।

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आज (शनिवार, 30 नवंबर, 2019 को) जारी नोटिस में कहा गया, “रंगा रेड्डी जिला अदालत की बार काउंसिल की कार्यकारी समिति (एग्जीक्यूटिव कमेटी) 27 नवंबर, 2019 को तोंडापल्ली टोल प्लाज़ा पर की गई नृशंस हत्या की निंदा करती है। कमेटी अपने सदस्यों से गुज़ारिश करती है कि वे इस मामले के आरोपितों की पैरवी में हाज़िर न हों।” नोटिस में आगे यह भी कहा गया है कि एग्जीक्यूटिव कमेटी त्वरित न्याय के लिए केस की तेजी से सुनवाई हेतु एक अलग विशेष अदालत का गठन करने की तेलंगाना राज्य सरकार से माँग करती है। नोटिस में समिति ने यह भी कहा है कि बार काउंसिल परसों (सोमवार, 2 दिसंबर, 2019 को) इस ‘अमानवीय हमले’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेगी। इसका आयोजन अदालत के मुख्य भवन के प्रवेश पर 2 दिसंबर, 2019 को दोपहर 1.30 बजे किया जाएगा।

रंगा रेड्डी जिला बार काउंसिल इकलौती अदालती संस्था नहीं है, जिसने इस हत्याकांड से क्षुब्ध होकर इसके आरोपितों की सहायता से इनकार किया है। इसके पहले महबूबनगर बार काउंसिल ने भी आरोपितों को न्यायिक सेवाएँ देने से इनकार कर दिया था। उस समय राज्य सरकार ने महबूबनगर के फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई कराने का निर्णय लिया था। यही नहीं, स्थानीय अदालत की शादनगर बार एसोसिएशन ने भी चारों आरोपितों को किसी तरह की कानूनी सहायता देने से इनकार कर दिया था।

गौरतलब है कि हैदराबाद के बाहरी इलाके शमसाबाद में 26 वर्षीय महिला डॉक्टर की जली हुई लाश मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। जानकारी के अनुसार, पशु चिकित्सक डॉ. प्रीति (बदला हुआ नाम) रेड्डी कोल्लुरु स्थित पशु चिकित्सालय में काम करती थीं। बुधवार (नवंबर 27, 2019) को उन्होंने अपनी स्कूटी को शादनगर के टोल प्लाजा शमसाबाद के पास पार्क किया था। लेकिन रात में जब वह वहाँ वापस लौटीं तो उनकी स्कूटी पंक्चर थी। उन्होंने इसकी सूचना अपनी बहन को दी और कहा कि उन्हें डर लग रहा है, क्योंकि उनके आसपास सिर्फ लोडिंग ट्रक और अनजान लोग हैं।

प्रियंका को डरा हुआ देखकर उनकी बहन ने उन्हें स्कूटी पार्क करके कैब से आने की सलाह दी। लेकिन प्रियंका ने उन्हें बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें मदद की पेशकश की है, इसलिए वो थोड़ी देर में कॉल बैक करेंगी।

इस वाकये के बाद प्रियंका का कोई फोन नहीं आया, जब परिजनों ने उनसे कुछ मिनट बाद संपर्क करने का प्रयास किया तो उनका फोन स्विच ऑफ हो गया। परेशान परिवार वाले खुद प्रियंका को ढूँढने के लिए टोल प्लाजा की ओर निकले। जब वह नहीं मिलीं तो उन्होंने थक हारकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

शिकायत मिलने के बाद गुरुवार (नवंबर 28, 2019) की सुबह पुलिस को हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे के पास एक महिला का अधजला शव दिखाई पड़ने की जानकारी मिली। जब घटनास्थल पर पहुँची पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर प्रियंका के घरवालों को संपर्क किया तो उन्होंने उसके कपड़े और गले का लॉकेट देखकर पुष्टि कर दी कि वो जली हुई लाश प्रियंका की ही है। बाद में पोस्टमॉर्टम में उनसे बलात्कार की भी पुष्टि हो गई

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