जिस जगन्नाथ मंदिर में फेंका गया था गाय का सिर, वहाँ हजारों की भीड़ ने जुट कर की महा-आरती: पूछा – खुलेआम कैसे घूम रहा था जिला-बदर अपराधी नौशाद?

रतलाम के जगन्नाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने महाआरती कर के असल गुनहगार को पकड़ने की माँग उठाई (चित्र साभार- दैनिक भास्कर)

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में शुक्रवार (14 जून, 2024) को भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर में गाय का कटा सिर फेंका गया था। इस घटना के बाद हिन्दुओं में आक्रोश फ़ैल गया था। पुलिस ने सलमान, शाकिर, नौशाद और शाहरुख (25) को NSA एक्ट के तहत जेल भेजा था और इनके घरों पर बुलडोजर चलाया था। जावरा इलाके के जिस मंदिर में यह हरकत की गई थी वहाँ सोमवार (17 जून, 2024) को महाआरती की गई। हजारों लोगों ने इस आरती में हिस्सा लिया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में असल साजिशकर्ताओं के नाम सामने ला कर उनके खिलाफ कार्रवाई की माँग की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक दिन पहले रविवार को हुई घोषणा के बाद सोमवार को जावरा के जगन्नाथ मंदिर पर सुबह से ही लोगों की भीड़ जमा होने लगी। सर्वसमाज के हजारों लोगों की इस भीड़ से घंटाघर इलाका भर गया। रतलाम के डीएम और एसपी सहित तमाम बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद थे। सर्वसमाज ने जगन्नाथ मंदिर में महाआरती की। महाआरती के बाद हिन्दू समाज के लोगों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को सम्बोधित करते हुए रतलाम के SDM को एक ज्ञापन सौंपा।

इस ज्ञापन में बताया गया है कि जिन 4 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है वो महज किसी के द्वारा संचालित हो रहे मोहरे हो सकते हैं। सर्व-समाज ने माँग की है कि मंदिर परिवार में गौमांस फेंके जाने के असल मास्टरमाइंड को बेनकाब करते हुए उस पर भी कठोर कार्रवाई की जाए। लोगों ने गिरफ्तार आरोपितों को रिमांड पर ले कर फिर से पूछताछ करने और उनके कॉल व बैंक रिकॉर्ड खँगालने की भी बात दिए गए ज्ञापन में लिखी है। इसी ज्ञापन में यह भी सवाल उठाया गया है कि जिला बदर अपराधी होने के बावजूद नौशाद इतने आराम से कैसे घूम रहा था।

सर्वसमाज के ज्ञापन में जावरा के महत्वपूर्ण स्थानों पर CCTV कैमरे लगवाने, रतलाम में मौजूद रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पहचान कर के उनकी गिरफ्तारी करने, मुस्लिमों द्वारा कब्ज़ा की गई सरकारी जमीन को 14 दिनों के अंदर मुक्त करवाने जैसी माँगों को प्रमुखता दी गई है। इसी के साथ नगर में चल रहे अवैध बूचड़खानों को चिह्नित कर के उन्हें तत्काल बंद करने की भी आवाज उठाई गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया