‘घर में से महिलाओं को उठा ले जाते हैं TMC के गुंडे, ‘संतुष्ट’ होने के बाद छोड़ते हैं’: जिसने ED पर करवाया हमला, उस शेख के खिलाफ बंगाल में महिलाओं ने खोला मोर्चा

संदेशखाली में प्रदर्शन करती महिलाएँ (फोटो साभार : X_SudhanidhiB)

पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिला है। यहाँ संदेशखाली नाम की जगह है। इस साल की शुरुआत में इसी जगह के टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ पर रेड करने की गई ईडी की टीम पर जानलेवा हमले हुए थे। अब यहाँ गुरुवार (8 फरवरी 2024) से एक बार फिर मामला गरमा गया। सड़कों पर उतरी महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहाँ शेख, शिबा हाजरा समेत उसके सहयोगियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन शनिवार को भी जारी है। बता दें कि गुरुवार को टीएमसी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के बीच हुई मारपीट में 13 नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए। इस पर पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू करने के साथ ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थी।

क्यों हो रहा है प्रदर्शन?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को फंड न देने को लेकर टीएमसी नेताओं ने संदेशखाली के त्रिमोहानी बाजार में लोगों के साथ मिलकर रैली निकाली थी। इस रैली में शाहजहाँ शेख के नारे लगाने पर बवाल मच गया। संदेशखाली की महिलाओं और पुरुषों ने लाठी-डंडे लेकर टीएमसी के गुंडों को दौड़ा लिया। इस दौरान दोनों ओर से मारपीट शुरू हो गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि टीएमसी नेता बाहरी लोगों के साथ मिलकर रैली निकालकर इलाके में अशांति फैला रहे हैं।

वहीं, महिलाओं की माँग है कि टीएमसी नेता शाहजहाँ शेख को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि शाहजहाँ शेख टीएमसी के नाम पर अत्याचार करता है। उनका कहना है कि शेख और उसके आदमी ईडी की टीम पर हमले से बहुत पहले से लोगों पर गंभीर अत्याचार कर रहे हैं।

बता दें कि ममता बनर्जी का बेहद करीबी शेख शाहजहाँ 5 जनवरी 2024 कोईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले के पीछे का मास्टरमाइंड है और तभी से वो फरार है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मामला शुक्रवार (09 फरवरी 2024) को तब गरमा गया, जब संदेशखाली और उसके आसपास के इलाकों में महिलाओं ने मोर्चा निकाला और गुस्साए लोगों ने शेख शाहजहाँ के करीबी विश्वासपात्र शिबू हाजरा के पोल्ट्री फार्म को आग लगा दिया और टीएमसी नेताओं की संपत्तियों पर हमले लिए। लोगों ने कहा कि जिस पॉल्टी फार्म को बर्बाद किया गया, उस जगह पर शिबू हाजरा ने जबरन कब्जाया था। उस जगह से कई गैर-कानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता रहा है। शेख शाहजहाँ और उसके साथियों ने गरीबों की काफी जमीनों पर जबरन कब्जा किया है।

संदेशखाली में टीएमसी के गुंडे महिलाओं को उठाते, रात भर भोगते फिर छोड़ते

हिंदुस्तान टाइम्स ने संदेशखाली की रहने वाली महिला के हवाले से हताया है कि शाहजहाँ के करीबी उत्तम सरकार और शिबा हाजरा ने सैकड़ों एकड़ जमीनों पर कब्जा कर लिया है और वहाँ मछलीपालन करके पैसे बना रहे हैं। कई सालों में उन्होंने प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत बने घरों तक को उजाड़ दिया और ग्रामीणों को मनरेगा जैसी योजनाओं से मिले मेहनत के पैसों को भी मार लिया। महिला ने बताया, “जमीनों पर कब्जे करने वाले गुंडे स्थानीय लोगों से बेगारी कराते थे और पैसे बनाते थे। दिन ढलने के बाद महिलाएँ घर से नहीं निकल पाती, क्योंकि शाहजहाँ के साथी उनके साथ बदतमीजी करते।”

इस बीच, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की रहने वाली एक स्थानीय महिला टीएमसी के गुंडों के हाथों स्थानीय महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के बारे में बताती हुई सुनाई दे रही है। वह इस बात पर अफसोस जताती हैं कि कैसे तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता बाइक पर 20-30 के ग्रुप में आते हैं और वे इलाके की हर महिला की जाँच करते हैं। वे सबसे कम उम्र की और सबसे अच्छी दिखने वाली महिला को चुनते हैं और उसे अपने साथ ले जाते हैं। वह कहती हैं, वे रात-रात भर उसके साथ संबंध बनाते हैं, और उसे तभी छोड़ते हैं जब वे “संतुष्ट” हो जाते हैं।

महिला शेख शाहजहाँ और उसके आदमियों की ओर से फैलाए गए आतंक और डर को बयान करती है। महिला ने कहा कि “जिस भी महिला पर इन गुंडों की नजर पड़ गई, भले ही वो कुँवारी हो या शादीशुदा, वो उसे उठा ले जाते हैं। यही नहीं, शादीशुदा महिलाओं के पति को भी उसपर कोई हक नहीं होता। बस उन्हें महिला पसंद आनी चाहिए, इसके बाद सबकुछ उनकी मर्जी।” वो महिला ममता बनर्जी के शासन पर अफसोस जताते हुए महिलाओं की बेबसी बयान करती दिख रही है।

इस बीच, शेख शाहजहाँ के समर्थक भी सड़कों पर उतर आए और टीएमसी नेता और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की माँग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर ही हमले करने लगे।

हिंदूपोस्ट ने शेख शाहजहाँ के गुंडों द्वारा स्थानीय लोगों और महिलाओं पर हमले का एक छोटा सा वीडियो शेयर किया है। घायलों में एससी, ओबीसी जैसे तबकों के लोग हैं। हिंदू पोस्ट ने लिखा, “पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ के गुंडों ने हिंदू ग्रामीणों पर हमला किया। दलित भारतीय धर्मनिरपेक्षता उर्फ इस्लामवाद के सबसे ज्यादा शिकार हैं, लेकिन कोई भी भीम आर्मी, बामसेफ, एपीपीएससी इन लोगों के लिए कभी नहीं बोलेगा।”

इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदार ने शाहजहाँ पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने शाहजहाँ और उनके गंडों पर घटिया आरोप लगाए हैं। वो राक्षस है। उसके खिलाफ एनआईए जाँच कर रही है। वो देशद्रोही और गद्दार है।

बीजेपी ने बोला टीएमसी पर हमला

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने टीएमसी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से भी हस्तक्षेप की माँग की है। सुकाँत ने कहा, “संदेशखाली में हालात अभी बहुत खराब हैं, ग्रामीणों ने जमीन पर कब्जा…लड़कियों के अपहरण जैसे अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जो सालों से चल रहे हैं…पुलिस स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सकी। वो टीएमसी के गुंडों का साथ दे रही है और ग्रामीणों को गिरफ्तार कर रही है। टीएमसी के गुंडों ने ग्रामीणों पर भी हमला किया, उनके घरों में आग लगा दी और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया…मैंने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस बारे में कुछ करने का अनुरोध किया, वहाँ के लोग गंभीर खतरे में हैं।”

हालाँकि, स्थानीय पुलिस ने टीएमसी गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय कुछ स्थानीय ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच, स्थानीय लोगों ने संदेशखाली पुलिस स्टेशन के बाहर धरना शुरू कर दिया है और कहा है कि यह तब तक जारी रहेगा जब तक शाहजहाँ और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता।

पुलिस अधीक्षक हुसैन मेहेदी रहमान ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए क्षेत्र में ज्यादा जवान भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने गुरुवार को शाहजहाँ और उसके सहयोगियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसकी जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा कि शेख शाहजहाँ की तलाश की जा रही है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) मनोज वर्मा ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “दर्ज की गई सभी शिकायतों की जांच चल रही है और कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अगर कोई कानून अपने हाथ में लेगा तो कानून अपना काम करेगा। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।”

कौन है शेख शाहजहाँ?

बता दें कि शुक्रवार (05 जनवरी 2024) को ईडी की एक टीम टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ के संदेशखली के सरबेरिया स्थित घर पर रेड मारने गई थी। ये जगह बांग्लादेश की सीमा से सटी है। अधिकारियों ने देखा उसके घर ताला लगा है। जब उन्होंने लॉक तोड़ने की कोशिश की तो टीएमसी समर्थकों की भीड़ ने उनपर हमला किया। जानकारी के मुताबिक, संदेशखली इलाके में 53 वर्षीय टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ का रसूख है उसे लोग संदेशखली का बेताज बादशाह बताते हैं। शेख का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है लेकिन फिर भी वह राजनीति में बड़ी तेजी से आगे बढ़ा। वह जन्मा गरीब घर में ही था, जिसके कारण शुरुआत में उसने ट्रक ड्राइवर का काम किया, तो कभी कंडक्टर का। कभी सब्जी बेची तो कभी कुछ और किया। लेकिन इन सबके साथ वो संदेशखली में बड़े नेताओं से संपर्क भी बनाता रहा।

धीरे-धीरे समय आया कि वो खुद एक रसूखदार आदमी बन गया। 2006 में वामपंथी सरकार के वक्त उसने मोस्लेम शेख के सबसे करीबी सहयोगी के रूप में पैसे उगाही जैसे काम करने की शुरूआत की। धीरे-धीरे वो रियल स्टेट में घुसा और फिर मछली पालन जैसे कामों में लग गया।

सत्ता परिवर्तन के साथ उसका पाला भी बदल गया। 2011 में वामपंथी सरकार गई तो 2013 में वो टीएमसी में आ गया। यहाँ वह खाद्य मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक का खास बन गया। बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ टीएमसी कार्यकर्ताओं की झड़पों में भी शेख का नाम आता रहा। 2020 में उसके ऊपर दो भाजपा नेताओं की हत्या का इल्जाम लगा, लेकिन वह उससे भी बच गया। उसकी नीति यही रही कि वो हमेशा से बड़े लोगों के ग्रुप में उठता-बैठता, जिससे जब उस पर कोई दोष लगे तो वह बच सके। यही वजह है कि उसपर कार्रवाई नहीं हुई। उसपर अपने चुनाव क्षेत्र में चुनाव के दौरान धांधली करने का आरोप भी लगता रहा है।

उसकी टीएमसी में कितनी पैठ है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश सीएम के खास लोगों ने शाहजहाँ शेख को सपोर्ट किया था। वहीं 1 जनवरी 2024 को तो शाहजहाँ ने खुले में धमकी ही दी थी। ये जानकारी बीजेपी नेता अमित मालवीय के ट्वीट से मिली। इसमें शाहजहाँ ने कहा था कि सीबीआई और ईडी उसके बाल तक नहीं छू सकतीं। उसने सबसे ये दुआ करने को भी कहा था कि सब दुआ करें उसे गुस्सा न आए वरना वो बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं के दाँत तोड़ देगा और उनकी खाल उतार देगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया