पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और फिर हत्या के मामले में RG कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने गिऱफ्तार कर लिया है। घोष के साथ ही इंपेक्टर अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों को आज सियालदह में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा।
सीबीआई का कहना है कि दोनों अपराध स्थल को बिगाड़ने, सबूतों से छेड़छाड़ करने, आधिकारिक नियमों का उल्लंघन करने, आपराधिक साजिश रचने और जाँचकर्ताओं को गुमराह करने में शामिल थे। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी के रूप में अभिजीत मंडल महिला डॉक्टर की लाश मिलने के बाद अपनी भूमिका के बारे में उचित जवाब नहीं दे पाए।
मेडिकल अस्पताल में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर संदीप घोष पहले से ही एजेंसी की न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें 2 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सीबीआई उन्हें रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जाँच कर रही है।
इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य डायरी (जीडी) प्रविष्टि और एफआईआर के पंजीकरण के समय के बीच विसंगति की ओर इशारा किया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था, “यह बहुत स्पष्ट है कि एफआईआर दर्ज करने में कम से कम 14 घंटे की देरी हुई है।”
दरअसल, 31 वर्षीया ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद रात में पोस्टमार्टम किए जाने पर सवाल उठाए गए थे। हालाँकि, डॉक्टरों के तीन सदस्यीय पैनल ने शुरू में शाम को पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया था, लेकिन पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल ने ‘कुछ जरूरी मामले’ का हवाला देकर शाम 6.10 से 7.10 बजे के बीच पोस्टमार्टम करने की अनुमति दी।
रात में शव का पोस्टमार्टम करने को लेकर मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि अभिजीत मंडल ने शव का अंतिम संस्कार जल्द करने के लिए उन पर दबाव डाला था। सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान संदीप घोष के बयान से भी एजेंसी को कुछ ऐसे सुराग मिले, जिनसे पुलिस अधिकारी मंडल की भूमिका पर संदेह पैदा हुआ।
अभिजीत मंडल को सबूतों से छेड़छाड़ करने और अपराध की सूचना मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज करने में देरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। CBI के एक अधिकारी ने कहा, “पुलिसकर्मी से पहले आठ बार पूछताछ की जा चुकी है और हर बार उसने अलग-अलग बयान दिए हैं। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।” गिरफ्तारी से पहले शनिवार को मंडल से कई घंटों तक पूछताछ की गई।
इन दोनों गिरफ्तारियों पर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने जश्न मनाया। एक डॉक्टर ने कहा, “हम पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल की गिरफ़्तारी की माँग कर रहे थे, क्योंकि वे सबूतों से छेड़छाड़ करने में शामिल थे। हम बहुत खुश हैं क्योंकि सीबीआई ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया है। सीबीआई को उन अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार करना चाहिए जिन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ की है।”
इससे पहले संदीप घोष के बाउंसर एवं सुरक्षाकर्मी अफसर अली खान और हावड़ा में मेडिकल शॉप चलाने वाली सुमन हजारा को पहले की गिरफ्तार कर लिया गया है। सुमन हजारा पर आरोप है कि उनकी दुकान से रिसाइकल किया हुआ मेडिकल उपकरण RG कर मेडिकल अस्पताल में सप्लाई किया जाता था। इसके अलावा, वेंडर विप्लव सिंघा और रेप के आरोपित संजय राय को गिरफ्तार किया जा चुका है।