क्वारंटाइन सेंटर को डिटेंशन सेंटर बताने वाले MLA अमीनुल इस्लाम के खिलाफ़ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

असम विधायक अमीनुल इस्लाम ने फैलाई झूठी जानकारी

कोरोना से जंग लड़ने के लिए देश में जारी लॉकडाउन के बीच क्वारंटाइन सेंटर्स पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने के बाद गिरफ्तार किए गए असम से विधायक अमीनुल इस्लाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। दरअसल, विधायक इस्लाम की एक वीडियो क्लिप बीते दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें विधायक ने देश में अलग-अलग स्थानों पर सरकार द्वारा बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर्स को डिटेंशन सेंटर करार दिया था। साथ ही आरोप लगाया था कि यहाँ इंजेक्शन देकर लोगों को मारा जा रहा है।

असम के डीजीपी महंत ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि विधायक इस्लाम के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके संबंध में असम विधानसभा अध्यक्ष को भी जानकारी दे दी गई है। इसके बाद इस्लाम को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौतम डी की अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक विधायक को नौगाँव की केन्द्रीय कारागार में भेजा गया है।

उधर नौगाँव के पुलिस अधीक्षक गौरव अभिजीत दिलीप ने बताया कि पुलिस पूछताछ के दौरान इस्लाम ने कुबूल किया कि क्लिप में सुनाई दे रही आवाज उन्हीं की है और उन्होंने स्वीकार किया कि क्लिप उन्होंने ही बनाई थी, जिसे दूसरे कई लोगों को भेजा भी गया था। यह ऑडियों क्लिप विधायक के मोबाइल फोन पर भी पाई गई, इसके बाद पुलिस ने इस्लाम की मोबाइल को भी जब्त कर लिया है।

वहीं बदरुद्दीन अजमल की अगुवाई वाली पार्टी ने विधायक इस्लाम के विवादित बयान से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी का कहना है कि ये विधायक के अपने विचार हैं। पार्टी इनका समर्थन नहीं करती है। वहीं बीजेपी ने इस मुद्दे पर AIUDF को अपने निशाने पर लिया है।

इससे पहले असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने बताया कि ऑल इंडिया डेमोक्रैटिक यूनाइटेड फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमीनुल इस्लाम को सोमवार को क्वारंटाइन सेंटर्स पर सांप्रदायिक टिप्पणी के करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। दरअसल ढिंग क्षेत्र से विधायक अमीनुल इस्लाम के ऊपर लगे सभी आरोप प्राथमिक जाँच के बाद सही पाए गए थे। सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो क्लिप में विधायक इस्लाम नें सरकार पर समुदाय के खिलाफ साजिश रचने के भी आरोप लगाए थे।

साथ ही क्वारंटाइन सेंटर्स को डिटेंशन सेंटर बताते हुए इस्लाम ने आरोप लगाया था कि वहाँ इंजेक्शन देकर लोगों को मारा जाता है और इसके बाद सरकार ये भी कह सकती है कि इनकी मौत कोरोना से हुई है।

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यहाँ बता दें कि इससे पहले ढिंग विधायक ने निजामुद्दीन मरकज़ का भी बचाव किया था। इस दौरान इस्लाम का कहना था कि मरकज़ में कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया है और इस बीमारी के फैलने के पीछे मरकज़ का हाथ नहीं है। विवादित टिप्पणी करने पर AIUDF विधायक ने मीडिया पर भी आरोप लगाया था कि निजामुद्दीन मरकज़ पर झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। इससे पहले एक फेसबुक पोस्ट में उनका ये भी दावा था कि असम में आया पहला केस दिल्ली के मरकज़ भी नहीं गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया