छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास में मिले घर को बना दिया चर्च, 25 जनजातीय लोगों के धर्मांतरण पर हिंदू संगठनों ने की कार्रवाई की माँग

ईसाई धर्म में धर्मांतरण (प्रतीकात्मक चित्र)

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में सामूहिक धर्मान्तरण में जनजातीय समुदाय के 25 से ज्यादा लोगों ने ईसाई मत अपना लिया है। धर्म परिवर्तन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर में हुआ है। कुछ घरों पर क्रॉस के चिन्ह भी लगे मिले हैं। घटना से नाराज हिन्दू संगठनों ने प्रशासन में शिकायत दर्ज करवाई है। आरोप है कि धर्मान्तरित लोगों को बीमारी से मुक्ति और आर्थिक स्थिति ठीक होने का लालच दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला बेमेतरा के थाना क्षेत्र खम्हरिया का है। यहाँ के हिन्दू संगठन से जुड़े सदस्यों को वार्ड नंबर 13 में रहने वाले गोंड बिरादरी के 5 परिवारों की पूजा पद्धति और रहन-सहन में बदलाव की जानकारी मिली। इसी दौरान उन्हें पता चला कि पहले प्रार्थना के लिए रायपुर जाने वाले ये परिवार अब अपने ही घर के पास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने एक मकान में जाने लगे हैं।

आरोप है कि इस मकान को उन सभी ने चर्च में तब्दील कर दिया है। यहाँ ईसा मसीह की रोज प्रार्थना होने की भी बातें सामने आईं। बताया जा रहा है कि धर्मान्तरित हुए परिवार पहले नाच-गाना के साथ कबाड़ आदि का काम करके अपनी आजीविका चलाते थे। हालाँकि उनके कामकाज आज भी पारम्परिक हैं, लेकिन उन सभी ने अपनी जीवन शैली बदल डाली है।

हरिभूमि ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में बताया है कि धर्मान्तरित हुए लोगों ने गुड्डी नाम की एक बीमार महिला को चर्च में जाने पर फायदा होने का दावा किया। साथ ही उन्होंने अपनी आमदनी बढ़ने और नशे की लत से दूर होने का भी श्रेय भी चर्च में होने वाली प्रार्थना को दिया है। ईसाई बने कुछ लोगों के नाम के तौर पर हरिभूमि ने लाम्भा सोनवानी, बासमुंद जोगी, मुरली जोगी तथा देवकी छेदैया को बताया है।

पहले ये सभी दुर्ग, रायपुर, भिलाई और कवर्धा जैसे शहरों में बने चर्च में प्रार्थना के लिए जाया करते थे। बाद में भागदौड़ से बचने के लिए इन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने एक घर को ही चर्च बना डाला। यह पूरी तहसील क्षेत्र का एकमात्र चर्च बताया जाता है। इस मकान में क्रॉस के निशान के साथ ईसाई मत की कुछ किताबें भी देखे जाने का दावा किया गया है।

हालाँकि धर्मान्तरित हुए पाँच जनजातीय परिवारों के 25 लोगों का कहना है कि उनके जाति प्रमाण पत्र अभी तक नहीं बने हैं। साथ ही वो किसी भी शासकीय योजना के लाभार्थी नहीं होने का भी दावा करते हैं। खुद को मिले लोन को भी धर्मान्तरित लोग प्रभु यीशु की कृपा बता रहे हैं। इस पैसे से उन्होंने गाड़ी की किश्त भरी है। उनका कहना है कि धर्मांतरण के बाद से उनके साथ अच्छा हो रहा है।

मामले का खुलासा होते ही हिन्दू संगठनों ने 25 सदस्यों का धर्मान्तरण करवाने वाले समूह पर कार्रवाई की माँग उठाई है। विश्व हिन्दू परिषद ने PM आवास योजना के तहत बने उन घरों को सील करने की भी माँग की है, जहाँ क्रॉस के निशान बने हुए हैं। बेमेतरा के डीएम रणवीर शर्मा ने मामले की जाँच करवा के कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया