‘वनवासियों की संस्कृति सुरक्षित रखेंगे’: ईसाई धर्मांतरण के खिलाफ आदिवासी संगठन ने फूँका बिगुल, छत्तीसगढ़ में ‘महा अभियान’

छत्तीसगढ़ में ईसाई मिशनरी आदिवासियों को बरगलाकर उनका धर्मान्तरण करवा रहे हैं। (फोटो साभार: सीजी टॉप)

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में ईसाई धर्मान्तरण (Conversion) का मसला लंबे समय से चल रहा है। यहाँ ईसाई मिशनरी (Christian Missionaries) भोले-भाले लोगों का उपचार सभा के नाम पर ब्रेनवॉश करके उनका धर्मान्तरण करवाते रहे हैं। इसकी कई खबरें भी समय-समय पर सामने आते रहती हैं। इसी क्रम में राज्य के जशपुर में ईसाई मिशनरियों द्वारा आदिवासियों का धर्मान्तरण करवाने के खिलाफ जनजातीय सुरक्षा मंच ने मोर्चा खोल दिया है।

यहाँ ईसाई मिशनरियों के खिलाफ बड़ा जागरुकता महाअभियान छेड़ा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस जिले में ईसाई मिशनरियों द्वारा भोले-भाले आदिवासियों को अच्छे जीवन का लालच देकर उनके मतांतरण की खबरें सामने आती ही रहती है। इस मामले में आदिवासियों के हितों की रक्षा करने वाले संगठन जनजातीय सुरक्षा मंच के सदस्यों से पूर्व मंत्री गणेश राम भगत (Ganesh Ram bhagat) ने भी मुलाकात की है। बगीचा थाना क्षेत्र के पसिया पहुँचे भगत ने कहा कि वनवासियों की प्राचीन संस्कृति को सुरक्षित बनाए रखने के लिए इसी तरह से हर गाँव में युवाओं की एक टीम बनाई जाएगी।

नक्सलवाद, धर्मान्तरण और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू से ही मुखर रहे गणेश राम भगत के मुताबिक, जशपुर जिले में अशांति फैलाने की कोशिशों का सहजता से ही पता चल रहा है। ईसाई मिशनरियों से जुड़े लोग लगातार विदेशी धन के जरिए लोगों को लालच देकर उनका धर्मान्तरण कराने का घिनौना काम कर रहे हैं। इसे समय रहते रोकने की जरूरत है। अगर इसे अभी नहीं रोका गया तो फिर इसे रोक पाना आसान नहीं होगा। भगत के मुताबिक, बचपन से उन्हें शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंनद सरस्वती का सानिध्य मुझे मिला है। इसी कारण से वो आज भी सनातन धर्म की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

धर्मान्तरण के मुद्दे पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी बिफरे पूर्व मंत्री ने कहा कि धर्म की रक्षा के समय मौन होकर चुपचाप देख रहे इन नेताओं को चुनाव के समय जनता सबक सिखाएगी। गौरतलब है कि जशपुर जिले के पत्थलगाँव, जशपुर और बगीचा में चंगाई सभा के नाम पर ईसाई मिशनरी लोगों का धर्मान्तरण करवा रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया