2 नन्ही बेटियाँ ‘पापा-पापा’ कर रहीं, वृद्ध पिता के आँसू रुकते नहीं: श्याम सुंदर निषाद की विधवा का दर्द सुन टूट जाएँगे

लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए श्याम सुंदर निषाद के पिता (बाएँ), पत्नी (दाएँ)

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में ‘किसान आंदोलन’ के दौरान हुई हिंसा में नारे गए लोगों में से एक नाम श्याम सुंदर निषाद का भी है। आपको वो तस्वीर तो बखूबी याद होगी, जिसमें एक व्यक्ति पर ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि वो बोले कि उसे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ ने किसानों को कुचलने के लिए भेजा है। बार-बार छोड़ देने की गुहार लगाने वाले यही व्यक्ति श्याम सुंदर निषाद थे, जिन्हें मार डाला गया।

दो बच्चियाँ, दो बहनें: गुजर-बसर को लेकर चिंतित हैं श्याम सुंदर निषाद के पिता

श्याम सुंदर निषाद के वृद्ध पिता ने रोते हुए बताया कि उनके परिवार में किसी को मोबाइल फोन के माध्यम से उनके बेटे की मौत की खबर मिली। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसानों ने उनके बेटे को मारा है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से कुछ लोग मिलने आए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है। श्याम सुंदर निषाद ही पूरा परिवार चलाते थे। उनकी दो छोटी-छोटी बेटियाँ हैं।

साथ ही दो बहनें हैं, जिनकी शादी नहीं हुई है। पिता की चिंता है कि अब परिवार कैसे चलेगा। श्याम सुंदर निषाद की एक बेटी 3 वर्ष की है और एक 7 महीने की। उन्होंने कहा कि श्याम सुंदर निषाद ही घर का पूरा खर्च उठाते थे, भोजन-पानी से लेकर कपड़े-लत्ते तक की चिंता किसी को वो नहीं देते थे। मजदूरी कर के वो घर-बार चलाते थे। पिता ने कहा कि उनकी अब कुछ काम करने की अवस्था नहीं है, ऐसे वो वो कहाँ जाएँगे और बेटियों की शादी कैसे करेंगे।

उनकी चिंता है कि अब परिवार कैसे चलेगा। बेटे के बारे में पूछने पर श्याम सुंदर निषाद के पिता बालकराम रोने लगते हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने 45 लाख रुपया देने की घोषणा की है। उन्होंने सरकार से माँग की कि किसी तरह उनके दोनों बेटियों की शादी में मदद की जाए। साथ ही कहा कि परिवार पर जो कर्ज का बोझ है, उसे सधाना है। उन्होंने कहा कि वो छोटे किसान हैं। उन्होंने कहा कि सरकार मदद करती है, तभी दोनों बच्चियों का पालन-पोषण हो पाएगा।

श्याम सुंदर निषाद के पिता अपने बेटे को लेकर सवाल पूछने पर ‘हे भगवान! ये क्या हो गया’ कह कर फूट-फूट के रोने लगते हैं। वहीं श्याम सुंदर निषाद की माँ का भी रो-रो कर बुरा हाल है। उन्होंने बताया कि इलाके में हर साल दंगल होता है और सब कोई देखने जाता है, लेकिन गाड़ी वगैरह की सुविधा नहीं है तो एक ‘साहब’ के स्वागत के लिए वो किसी की गाड़ी में बैठ कर गए थे, जहाँ उन्हें मार डाला गया।

उन्होंने कहा कि उनके बेटे से बार-बार जबरन कहलवाने की कोशिश की गई कि उन्हें मंत्री ने भेजा है, लेकिन वो इनकार करते रहे। इसके बाद परिवार को कुछ नहीं पता चला कि क्या हुआ, उन्हें किस अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन, रात में खबर मिली कि अस्पताल में उनकी लाश मिली है। फिर थाने की गाड़ी में बैठ कर परिजन वहाँ पहुँचे। माँ ने बताया कि तलवार से उनका हाथ-पाँव तोड़ डाला गया था।

श्याम सुंदर निषाद की माँ ने बताया कि बार-बार माफ़ी माँगने के बावजूद उनके बेटे को नहीं छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि वीडियो में लाठी-डंडा लिए हुए लोग हैं, सरदार हैं, उन सब ने ही उन्हें मारा है। उन्होंने कहा कि जान की भीख माँगने के बावजूद उन्हें पीटा गया। उन्होंने कहा कि सभी ने वो वीडियो देखा है, जिसमें वो हाथ जोड़ कर कह रहे हैं कि वो स्वागत कार्यक्रम में जा रहे थे, उन्हें मंत्री ने नहीं भेजा है।

लखीमपुर खीरी: श्याम सुंदर निषाद की पत्नी ने भी बयाँ किया दर्द

उन्होंने बताया कि श्याम सुंदर निषाद फलों की खेती भी करते थे। उनकी 5 साल पहले ही शादी हुई थी। उनकी पत्नी ने भी बताया कि उनके पति हर साल दंगल देखने जाते थे। उन्होंने कहा, “मैं तो उनका वीडियो भी नहीं देख पाई। मुझे घबराहट हो रही है। मैं कैसे आपके सवालों का जवाब दूँ। मैंने अपना पति खोया है। अपनी बच्चियों का बाप खोया है। मेरी समझ में नहीं आ रहा कि क्या कहूँ। हत्यारों को सज़ा मिलना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “हमारे घर के सभी सदस्यों की देखभाल रही करते थे। अब सरकार को हमारे गुजर-बसर के लिए मदद करनी चाहिए। हम पढ़े-लिखे तो हैं नहीं तो सरकार से क्या माँगें, लेकिन हमें न्याय मिलना चाहिए। मेरी बेटी की तबीयत खराब है। वो बार-बार पूछ रही है कि पापा कहाँ हैं। वो अपने पापा के बिना नहीं रह पाती। मेरी भी तबीयत ठीक नहीं। मेरी छोटी बच्ची भी पापा-पापा करती है।

(ये रिपोर्ट ऑपइंडिया के लिए आदित्य ने कवर की है।)

Aditya Raj Bhardwaj: I play computer games take photos and ride big bikes.