ऊना उत्कर्ष योजना: हर नुक्कड़ पर खुली लड़कियों के नाम पर दुकान

ऊना उत्कर्ष योजना ,बेटियों को सशक्त बनाने की एक पहल

हिमाचल प्रदेश के ऊना में सरकार द्वारा लागू की गई ‘ऊना उत्कर्ष योजना’ ने लड़कियों को मिलने वाली अहमियत की तस्वीर को बदलना शुरू कर दिया है। जहाँ कुछ समय पहले तक लोग दुकानों के नाम लड़को के नाम पर रखते थे, वहीं इस योजना के बाद से लड़कियों के नाम पर दुकानों के नाम रखे जा रहे हैं।

भले ही कुछ लोग इस पहल को आम बात कहकर नकार दें, लेकिन हकीकत तो यह है कि इस कदम से लड़कियों की एहमियत को बुलंद आवाज मिल रही है। इस योजना के बाद से बहुत सी ऐसी दुकानें ऊना गाँव में देखने को मिल जाएँगी, जो लड़कियों के नाम पर खुली हैंं।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार दौलतपुर चौक सहित कई अन्य गाँवों में ऐसे साइनबोर्ड लगे दिख जाएँगे जो लड़कियों के नाम पर हैं। महिला एवं बाल विकास के जिला प्रोग्रामिंग अफसर सतनाम सिंह ने इस योजना पर कहा कि उन्हें शुरूआत में काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। शुरू में लोग बेटियों के नाम पर दुकानों के नाम रखने के लिए सहमत नहीं हुए थे, लेकिन धीरे-धीरे मान गए और अब बदलाव दिखने लगा है।

इस योजना की दिखती सफलता पर अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन द्वारा शुरू की गई कई पहल में से यह वह महत्वपूर्ण पहल है, जिससे बच्चियाँ यह महसूस कर रही हैं वह भी ख़ास हैं, इसे उनकी सशक्ति से भी जोड़ के देखा जा रहा है। इसके विस्तार के लिए पंचायतों में भी कहा गया है कि वह कम से कम तीन बच्चियों के नाम की सिफारिश करें, ताकि उनकी तस्वीर पोस्टर पर लग पाए। और, उन पोस्टर्स पर लिखा हो “हमारे गाँव की बेटी, हमारी शान”

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इसी दिशा में अंबोआ गाँव में भी प्रीती शर्मा नाम की लड़की के पोस्टर लगाए गए हैं, प्रीती यहाँ की स्थानीय निवासी हैं। प्रीती एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं, और फ़िलहाल एमडी की तैयारी कर रही हैं।

इतना ही नहीं इस योजना के प्रभाव से अब लोग घर के बाहर लगे नेमप्लेट को बदलकर उन पर महिलाओं के नाम लिखवा रहे हैं। मावा खोलान की प्रधान संगीता देवी ने इस पर कहा कि लड़कियाँ आज बहुत अच्छा कर रही हैं, और लोग जानते हैं कि आने वाला समय उनका है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया