CAB के खिलाफ़ सड़कों पर उतरे मदरसे के छात्र: हाईवे जाम करके पुलिस वाहनों पर किया पथराव, 144 लागू

देवबंद में सड़कों पर आए मदरसे के छात्र (तस्वीर साभा: जनसत्ता)

नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ़ बुधवार को उत्तर प्रदेश के देवबंद में मदरसे के छात्र सड़कों पर नजर आए। इस बिल के विरोध में इन छात्रों ने सहारनपुर-मुजफ्फरनगर हाईवे पर जाम लगा दिया और जब पुलिस इन्हें रोकने गई तो इन्होंने (छात्रों) उनके साथ(पुलिस के साथ) धक्का-मुक्की कर उनके वाहनों पर पथराव किया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी भी की। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रशासन को सुरक्षा के लिहाज से वहाँ धारा 144 लगानी पड़ी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार शाम को मदरसा छात्र सहारनपुर जिले के सरसटा बाजार स्थित जामा मस्जिद पर इस बिल के विरोध में एकत्रित हुए और करीब साढ़े चार बजे तक उन्होंने यहाँ शांतिमार्च निकाला। लेकिन, कुछ देर बाद यह खानकाह पुलिस चौकी से होते हुए सहारनपुर-मुजफ्फरनगर हाईवे पर पहुँच गए और देखते-देखते ही यहाँ जाम लग गया। छात्रों पर आरोप हैं कि उन्होंने वाहनों को रोकने के लिए हाईवे पर पत्थरबाजी की। साथ ही बिल की कॉपी को जलाकर अपना विरोध जताया। इसके अलावा बताया जा रहा है कि शाम को मगरिब की नमाज का वक्त होते ही इन लोगों ने सड़क पर ही बैठकर नमाज अदा की।

हालाँकि, इन सबके बीच मामले की सूचना मिलते ही कई बड़े अधिकारी मौक़े पर पहुँचे और उन्होंने छात्रों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन जब बहुत कोशिशों के बाद भी छात्र मानने को तैयार नहीं हुए, तो अधिकारियों ने देर शाम पूर्व विधायक माविया अली और मदरसों के मौलानाओं के साथ छात्रों को समझाया। जिसके बाद शाम 7 बजे के करीब हाईवे को खोला गया।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार पूरे वाकये के बाद इलाके के डीएम आलोक कुमार पांडे और एसएसपी दिनेश कुमार दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी से बात करने पहुँचे। जहाँ नोमानी ने देवबंद में शाम को नागरिकता संशोधन बिल को लेकर हुए प्रदर्शन पर नाखुशी जताई और कहा कि दारुल उलूम और देवबंद के किसी भी मदरसे से इस प्रदर्शन का कोई संबंध नहीं है। हम ऐसे विरोध की मुखालफत करते हैं, जिससे आमजन को परेशानी पहुँचे।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो जाने के बाद देश के कई हिस्सों में इसे लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। असम और देवबंद के अलावा एएमयू में भी इसका विरोध बड़ी तादाद में देखने को मिला है। जहाँ अब तक पुलिस ने इस मामले में 20 छात्रों को नामजद करते हुए, जबकि 500 लोगों पर अज्ञात नाम से मुकदमा दर्ज किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया