“जहाँ शिवलिंग मिला वहाँ वजू की इजाजत नहीं दी जा सकती”, सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की दो टूक, ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी ने माँगी थी इजाजत, SC ने कहा पानी की पूरी व्यवस्था करें

यूपी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया, "जहाँ शिवलिंग मिला वहाँ वजू की इजाजत नहीं" (फाइल फोटो)

वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी ढाँचे में मिले शिवलिंग के पास वजू करने की मुस्लिमों की माँग को उत्तर प्रदेश की सरकार ने नकार दिया है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (21 अप्रैल 2023) को हुई बहस के दौरान यूपी सरकार ने साफ-साफ कह दिया कि ज्ञानवापी में जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, उस एरिया में वजू की इजाजत नहीं दी जा सकती।

दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद इंतेजामिया कमेटी की तरफ से रमजान और ईद के दौरान परिसर में ही वजू की माँग की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद और मंदिर पक्ष को डीएम की मौजूदगी में बैठकर फैसला लेने के लिए कहा था। डीएम की मौजूदगी में हुई बैठक में जब कोई हल नहीं निकल सका तो शुक्रवार (21 अप्रैल 2023) को सुप्रीम कोर्ट में ही मामले की सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने वाराणसी के डीएम को नमाजियों के लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था करने निर्देश दिया। रमजान और ईद के दौरान मस्जिद मुस्लिम पक्ष परिसर में ही वजू की माँग कर रहा था। मस्जिद कमेटी की तरफ से कोर्ट में एडवोकेट हुजैफा अहमदी पैरवी कर रहे थे।

हुजैफा अहमदी ने सर्वोच्च कोर्ट में दलील दी कि 400 सालों से मुस्लिम मस्जिद के अंदर के उस इलाके में वजू करते आए हैं। इसलिए उन्हें इजाजत मिलनी चाहिए। इस पर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार से पूछा कि क्या शुक्रवार और शनिवार (21-22 अप्रैल 2023) के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा सकती?

इस पर यूपी सरकार का पक्ष रख रहे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि डीएम से बात हुई है। जहाँ शिवलिंग मिलने की बात है, वहाँ वजू की इजाजत नहीं दी जा सकती है। वजू के लिए पहले से ही पानी के ड्रम और मोबाइल शौचालय की व्यवस्था की गई है। मस्जिद पक्ष के लोग परिसर में ही वजू करने की माँग कर रहे हैं।

इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कुछ और सुविधाएँ दी जानी चाहिए, ताकि रोजेदारों और नमाजियों को परेशानी न हो। जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि वहाँ पानी के टब क्यों नहीं लगवा दिए गए। यूपी सरकार ने बताया कि मस्जिद से 70 मीटर की दूरी पर वॉशरूम और वजू के लिए व्यवस्था की गई है।

एसजी तुषार मेहता ने इस पर कोर्ट को आश्वस्त किया कि जिला अधिकारी मौके पर पर्याप्त संख्या में पानी के टब का इंतजाम करवा देंगे। कोर्ट ने एसजी के बयान को आदेश में दर्ज कर लिया। बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में कराए गए सर्वे के दौरान वजूखाने से शिवलिंग निकला था। जिसे मस्जिद पक्ष फव्वारा बता रहा था।

सर्वोच्च अदालत ने नवंबर 2022 को अपने एक फैसले में ज्ञानवापी परिसर में मिले ‘शिवलिंग’ और उसके आसपास के क्षेत्र को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। वजूखाने के इलाके को सील कर दिया गया है और सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।

बता दें कोर्ट ने मुख्य मामले की सुनवाई के लिए 7 अगस्त 2023 की तारीख तय की हुई है। मुख्य मामले में मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे कराने के आदेश को चुनौती दी है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया