किनके पैसों से नेपाल से लगे UP के इलाकों में चल रहे मदरसे? जकात-चंदा देने वालों का पता नहीं, फंडिंग की जाँच के आदेश

गाजियाबाद के मदरसे में नाबालिग से कुकर्म (प्रतीकात्मक चित्र)

नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए अवैध मदरसों को लेकर पिछले दिनों ऑपइंडिया ने ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी। इसका असर अब दिखने लगा है। यूपी की योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकार ने इन मदरसों की जाँच के आदेश दिए हैं।

राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों से कहा है कि वे उन गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के वित्त पोषण के स्रोतों की जाँच करें, जिन्होंने अपने संस्थानों को चलाने के लिए जकात (दान से पैसा) को अपना प्राथमिक स्रोत घोषित किया है।

बता दें कि इससे पहले योगी सरकार ने राज्य में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान करने के लिए पिछले साल सर्वेक्षण कराया था। लगभग दो महीने तक मदरसों के इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट 15 नवंबर 2022 को सरकार को सौंपी गई थी।

यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज मामलों के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, “नेपाल सीमा के क्षेत्रों में कई मदरसे हैं, जिन्होंने जकात (दान) को अपने धन के स्रोत के रूप में बताया है, लेकिन सर्वे टीमों ने पाया कि इन इलाकों में रहने वाले लोग गरीब हैं और जकात देने में सक्षम नहीं हैं।”

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए यूपी के मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि ऐसे मदरसों की पहचान की गई है और उनके धन के स्रोत की जाँच के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। ये मदरसे उन लोगों के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं जो उन्हें जकात और दान देते हैं।

धर्मपाल ने कहा, “ऐसे मदरसे बड़ी संख्या में हैं। ऐसा लगता है कि इन मदरसों को बाहर से पैसा मिल रहा है। कोई बाहर से उन्हें फंड क्यों देगा? हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चों का गलत इस्तेमाल हो। इसकी संभावनाएँ हैं। इसलिए उनके धन के स्रोत की फिर से जांच की जा रही है।”

नेपाल की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में ऐसे मदरसे स्थित हैं, उनमें सिद्धार्थ नगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, महराजगंज आदि जिले शामिल हैं। बता दें कि 30 अगस्त 2022 को राज्य में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था।

10 सितंबर 2022 से शुरू होकर लगभग दो महीने तक चले सर्वेक्षण के दौरान यूपी राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा बिना मान्यता लिए कुल 8,449 मदरसे संचालित हो रहे थे। गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की अधिकतम संख्या 550 मुरादाबाद जिले में पाई गई। इसके बाद सिद्धार्थ नगर (525) और बहराइच (500) का स्थान है।

पूरे उत्तर प्रदेश में 25,000 से अधिक मदरसे हैं और उनमें से 16,513 से अधिक को यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। इन मान्यता प्राप्त मदरसों में 19 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं।

बता दें कि नेपाल सीमा से सटे यूपी के जिलों में तेजी से डेमोग्राफिक बदलाव हो रहे हैं। इसके साथ ही इन क्षत्रों में मस्जिदों और मजारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ भारत में हो रहा है, ऐसे क्षेत्रों से लगते नेपाल वाले हिस्सों में भी ऐसा ही हो रहा है। नेपाल के कई गाँव अब मुस्लिम बहुल बन चुके हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया