उत्तरप्रदेश के कानपुर, फिरोजाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा समेत अन्य जिलों में आज नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के नाम पर दंगे हुए। अधिकांश जगहों पर दंगाई भीड़ ने पुलिस अधिकारियों को इस बीच अपना निशाना बनाया। जिसके चलते पुलिस पोस्ट और गाड़ियों को भी नुकसान पहुँचाया गया। इस बीच कई तरह की वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आईं। जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव दिखाया गया। लेकिन इसी बीच कुछ जिलों से अलग-अलग घटनाओं पर वीडियो भी आईं। जिनसे स्पष्ट हो गया कि उत्तर प्रदेश में हो रहे विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य अब नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन नहीं है बल्कि पुलिस पर हमला और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाना हैं।
उत्तरप्रदेश के हमीर पुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ। वहीं फिरोजाबाद में 12 पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई।
https://twitter.com/TimesNow/status/1207958274521219072?ref_src=twsrc%5Etfwन्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरप्रदेश के हापुड में हिंसक भीड़ ने पुलिस पर हमला किया।
https://twitter.com/CNNnews18/status/1207973248274550784?ref_src=twsrc%5Etfwएएनआई के अनुसार, दंगाई ने नए कानून के ख़िलाफ चल रहे प्रदर्शन में गोरखपुर में भी पुलिसबलों पर पत्थर फेंके।
https://twitter.com/ANINewsUP/status/1207962391662645250?ref_src=twsrc%5Etfwइसी तरह उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में भी पत्थरबाजी के कारण कई पुलिसवालों और प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं। और पुलिस को हिंसा रोकने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा।
https://twitter.com/CNNnews18/status/1207966648210079744?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/ANINewsUP/status/1207976028397850624?ref_src=twsrc%5Etfwफिर, अमरोहा और बहराईच में भी सुरक्षाबल को दंगाईयों को रोकने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा।
https://twitter.com/CNNnews18/status/1207967841804148736?ref_src=twsrc%5Etfwइधर, कानपुर में भी अनियंत्रित मुस्लिमों की भीड़ द्वारा पुलिस जीप और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया गया। उधर, मुजफ्फनजर में भी विरोध उस समय हिंसा में बदल गया जब प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी।
https://twitter.com/CNNnews18/status/1207971399542833157?ref_src=twsrc%5Etfwगौरतलब है कि ये केवल चंद वीडियो हैं। इनके अलावा सोशल मीडिया पर बहुत से प्रमाण हैं। जो इस कानून के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध पर सवालिया निशान लगाते हैं। अब तक जानकारी के अनुसार यूपी में 3000 से ज्यादा लोगों के नाम पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और कईयों के ख़िलाफ़ आगे की कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा कई जिलों में इंटरनेट सेवा भी सुरक्षा कारणों से बंद कर दी गईं हैं।