नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ कई राज्यों में उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जगह हिंसक प्रदर्शन भी सामने आ रहे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक हिंसक प्रदर्शनों और आगजनी की खबरें सामने आईं हैं। प्रदर्शन करने वालों में ज़्यादातर को कपड़ों से पहचाना जा सकता है। ये बहुतायत में मुस्लिम प्रदर्शनकारी है। जो भारी मात्रा में नुकसान की मकसद से पूरी तैयारी के साथ निकले हैं ऐसा कई प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है।
https://twitter.com/ANINewsUP/status/1207609730660614145?ref_src=twsrc%5Etfwउत्तर प्रदेश के संभल जिले में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने उग्र होते हुए 2 सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शन हिंसक होने के बाद संभल जिला कलेक्टर ने अगले आदेश तक जिले की मोबाइल सेवाएँ बंद कर दी हैं।
https://twitter.com/ShivAroor/status/1207577127379488768?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/ANINewsUP/status/1207595146851651584?ref_src=twsrc%5Etfwवहीं दूसरी ओर लखनऊ हसनगंज इलाके में भी CAA के खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो गया। यहाँ के मुस्लिम बहुल हसनगंज में उग्र भीड़ ने कई वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए उनमें आग लगा दी। मुस्लिमों की भीड़ ने इस दौरान जमकर पथराव भी किए। अलग-अलग गलियों से निकलकर ताबड़तोड़ पत्थरबाजी की है।
लखनऊ के मुस्लिम बहुल हसनगंज इलाके में मुस्लिम भीड़ ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर कई पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया। यहाँ तक मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी में भी आग लगा दी है। हालाँकि अभी तक घायलों और हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन भरी मात्रा में हिंसा और उत्पात मचने की कोशिश हुई है।
https://twitter.com/ANINewsUP/status/1207587941498810368?ref_src=twsrc%5Etfwइस हिंसक घटना के बाद पूरे प्रदेश की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हालाँकि, दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के डीजीपी ओ पी सिंह ने वर्तमान में हालात पूरी तरह से नियंत्रण में होने की बात कही है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान कई जगहों से भारी हिंसा होने की जानकारी भी सामने आ चुकी है। पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन किए जाने की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं।
हिंसक विरोध प्रदर्शनों को हवा देने और लोगों को बहकाकर हिंसा के लिए उकसाने के कई नेता और कार्यकर्त्ता गिरफ्तार भी हो चुके हैं।