फरजाना का झाड़-फूँक करवाने वीरेंद्र के पास ले गए अब्बा, हो गया प्यार: अब सरस्वती बन मंदिर में लिए फेरे, प्रशासन से सुरक्षा की लगाई गुहार

बरेली की फरजाना बनी सरस्वती, मंदिर में वीरेंद्र से की शादी

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक मुस्लिम युवती ने हिंदू युवक से शादी की है। फरजाना नाम की इस युवती ने अपना नया नाम सरस्वती रखा है। उसने वीरेंद्र कश्यप के साथ 25 जुलाई 2023 को एक मंदिर में वैदिक विधि-विधान से शादी की। दोनों के बीच करीब तीन साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। फरजाना ने हिन्दू धर्म अपनाने की कानूनी प्रक्रियाओं को भी शुरू कर दिया है। साथ ही प्रशासन से अपनी और अपने पति की सुरक्षा की गुहार लगाई है।

फरजाना मूल रूप से बरेली के शेरगढ़ थानाक्षेत्र के गाँव गहलुईंया की रहने वाली है। वीरेंद्र कश्यप उसके पड़ोसी गाँव माधोपुर का रहने वाला है। वीरेंद्र झाड़-फूँक का काम करता है। फरजाना को उसके अब्बा उपचार के लिए वीरेंद्र कश्यप के पास ले गए थे। इस दौरान दोनों में प्यार पनप गया। दोनों ने अपने परिवार को भी राजी करने की कोशिश की। लेकिन फरजाना के घर वालों ने उनकी एक न सुनी। उलटे दोनों के मिलने-जुलने पर पाबंदियाँ लगा दी।

22 जुलाई को फरजाना को लेकर वीरेंद्र उसके गाँव से कहीं चला गया। फरजाना के अब्बा ने वीरेंद्र के खिलाफ थाना शेरगढ़ में FIR दर्ज करवाते हुए अपनी बेटी को नाबालिग बताया है। पुलिस ने IPC की धारा 363 व 366 के तहत केस दर्ज किया है। ऑपइंडिया के पास FIR की कॉपी मौजूद है। इस बीच प्रेमी जोड़े ने बरेली के एक मंदिर में विवाह कर लिया।

विवाह के लिए दिए गए शपथ-पत्र में फरजाना ने खुद को बालिग बताया है। अपनी उम्र 23 वर्ष बताते हुए फरजाना ने अपना आधार कार्ड भी अटैच किया है। आधार कार्ड के मुताबिक भी फरजाना का जन्मवर्ष 2000 है। फरजाना ने 32 वर्षीय वीरेंद्र से अपने विवाह को किसी भी प्रकार के दबाव व लालच से मुक्त बताया है। शादी में हिन्दू संगठन के लोग मौजूद थे, जिनसे फरजाना ने खुद को अब से सरस्वती कहने की अपील की। बाद में फरजाना ने एक वीडियो जारी कर अपनी और अपने पति की सुरक्षा की माँग भी की।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।