दुबई एयरपोर्ट पर नौकरी, मोटी सैलरी का लालच: रिटायर्ड फौजी की बेटी रेणु बन गई आयशा अल्वी

दुबई में जॉब के लिए रेणु गंगवार बनी आयशा अल्वी (फोटो: News18)

उत्तर प्रदेश में इस्लामी धर्मांतरण के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद शाहजहाँपुर से धर्म परिवर्तन का एक अनोखा मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहजहाँपुर जिले के तिलहर तहसील क्षेत्र के एक गाँव के रिटायर फौजी की बेटी ने दुबई एयरपोर्ट पर ज्यादा सैलरी के लालच में इस्लाम अपना लिया।

रेणु गंगवार से आयशा अल्वी बनी युवती रिटायर फौजी की तीन बेटियों में सबसे बड़ी है। उसने बीए पास करने के बाद दिल्ली में एयर होस्टेस का कोर्स किया था, लेकिन यहाँ उसे एयर होस्टेस की नौकरी नहीं मिल सकी। युवती ने बताया कि वह करीब दो साल से दिल्ली एयरपोर्ट पर टिकट रूम में नौकरी कर रही थी। दुबई में जॉब करने के लिए उसने धर्म परिवर्तन कराया। उसका कहना है कि मुस्लिम होने पर दुबई में एडवांटेज मिलता है। इसके साथ ही उसने कहा कि भारत में कम सैलरी है, जबकि दुबई के एयरपोर्ट में नौकरी करने पर अधिक सैलरी मिलती है।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक जब युवती दिल्ली एयरपोर्ट के टिकट रूम में जॉब कर रही थी, उस दौरान वहाँ काम करने वाले एक मुस्लिम युवक ने उसे अपनी बातों में फँसाना शुरू कर दिया था। उसे बताया गया कि दुबई एयरपोर्ट पर मुस्लिम लड़कियों को बहुत सुविधाएँ दी जाती हैं, साथ ही मोटी सैलरी भी दी जाती है। इसके वजह से वह मुस्लिम बनने को तैयार हो गई। युवती को 27 मई 2021 को दिल्ली में इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया। इस्लाम कबूल करने के बाद युवती ने अपना नाम बदल कर आयशा अल्वी रख लिया।

फिलहाल, युवती के इस बयान पर किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है कि वह दुबई में जॉब करने के लिए हिंदू से मुस्लिम बन गई। युवती का कहना है कि उसे इस बात का कोई पछतावा नहीं है। बताया जा रहा है कि पिछले महीने ही उसकी शादी हिंदू लड़के से हुई थी, जो मुंबई में नौकरी कर रहा है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार (21 जून 2021) को मूक-बधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के गरीबों-असहायों को धन, नौकरी व शादी करवाने का प्रलोभन देकर धर्मान्तरण कराने वाले एक बड़े गिरोह के दो मौलानाओं मोहम्मद उमर गौतम और जहाँगीर कासिम को गिरफ्तार किया था। इन दोनों पर अब तक करीब 1,000 मूक-बधिर, महिलाएँ और बच्चों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। इस मामले में यूपी पुलिस ने आईएसआई और विदेशी फंडिंग होने का शक भी जताया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया