‘कई बच्चे गायब, आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल की आशंका’: VHP ने कहा- धर्मांतरण रोकने को बने केंद्रीय कानून

यूपीएस के हत्थे चढ़े धर्मांतरण कराने वाले मौलाना (साभार: indiatvnews.com)

उत्तर प्रदेश में इस्लामी धर्मांतरण के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने चिंता जताई है। संगठन ने कहा है कि इससे साफ हो गया है कि धर्मांतरण का जाल कितना गहरा, व्यापक, घिनौना और राष्ट्रव्यापी है। वीएचपी के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने इस पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय कानून बनाए जाने की वकालत की है।

जैन ने मंगलवार (22 जून 2021) को कहा कि धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, “नियोगी कमीशन और वेणु गोपाल कमीशन ने धर्मांतरण विरोधी केंद्रीय कानून बनाने की सिफारिश की थी। संविधान सभा के कई सदस्य भी इसी मत के थे। इसलिए केंद्र सरकार को अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए ए​क कानून बनाने पर विचार करना चाहिए।”

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उन्होंने कहा, “धर्मांतरण के कारण देश विभाजन की एक त्रासदी झेल चुका है और जेहादी आतंकवाद की पीड़ा का सामना कर रहा है। अब भारत को इस मानवता विरोधी षड्यंत्र से मुक्त कराने का समय आ गया है।” यूपी के मामले का हवाला देते हुए जैन ने कहा कि अभी तक भोले और मासूम लोग निशाने पर थे। अब मूक-बधिर बच्चों को टारगेट किया जा रहा। इनमें से कई बच्चे लापता हैं जिनका आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।

जैन ने कहा कि कोरोना काल में पीड़ितों की सहायता के लिए संपूर्ण देश पूरे समर्पण के साथ जुटा है, लेकिन जेहादी और मिशनरी धर्मांतरण के अपने घिनौने एजेंडे को लागू करने में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून होने के कारण इनका गिरोह पकड़ा गया, लेकिन जहाँ यह कानून नहीं है वहाँ तो उनके लिए मैदान खुला है। उन्होंने कहा कि टूलकिट गैंग इनकी सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहता ही है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार (21 जून 2021) को मूक-बाधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के गरीबों-असहायों को धन, नौकरी व शादी करवाने का प्रलोभन देकर धर्मान्तरण कराने वाले एक बड़े गिरोह के दो मौलानाओं मोहम्मद उमर गौतम और जहाँगीर कासिम को गिरफ्तार किया था। इन दोनों पर अब तक करीब 1000 मूक बधिर, महिलाएँ और बच्चों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। इस मामले में यूपी पुलिस ने आईएसआई और विदेशी फंडिंग होने का शक भी जताया था।

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए धर्मान्तरण के सभी आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने जाँच एजेंसियों से मामले की तह तक जाने को कहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया