Video: ‘हिन्दुस्तान तो फासिस्ट है, ये हमारे लिए लानत है’ – JNU में फिर शुरू हुआ ‘आजादी गैंग’ का खेल

JNU कैंपस में रात के वक्त आर्टिकल 370 के पॉवर को खत्म करने का किया गया विरोध

अनुच्छेद-370 के ‘पॉवर’ के खत्म होने और उसके साथ 35-A खत्म होते ही देश भर में जश्न का माहौल है। लोग इसे ‘एक देश एक संंविधान’ बता रहे हैं, तो वहीं कुछ विपक्षी दलों द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है। इसी बीच एक बार फिर से जेनयू से देश विरोधी नारों और ‘आजादी की गूँज’ सुनाई पड़ रही है। सोमवार (अगस्त 5, 2019) को राज्यसभा से विधेयक पारित होने के बाद आधी रात के अंधेरे में एक युवक काफी लोगों को इकट्ठा करके देश विरोधी बयान देता है और वहाँ मौजूद लोग भी उसका साथ देते हैं। आजादी-आजादी के नारे लगाते हैं।

ऊपर के वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक युवक वहाँ उपस्थित लोगों से कहता है, “आप लोग डरिए मत, ये हम कह रहे हैं, इससे आपका कोई लेना-देना नहीं है। मैं यहाँ उपस्थित तमाम लोगों से कहना चाहता हूँ कि अगर आपके मकान पर मैं जाकर कब्जा कर लूँ, तो ये जुल्म होगा और ये जुल्म कश्मीरी बर्दाश्त नहीं करेगा। जब उसका कल्चर नहीं रहेगा, उसका तहजीब नहीं रहेगा, तो वो खुद को दुनिया के सामने क्या बताएगा? उसका क्या अस्तित्व रहेगा? वो दुनिया को क्या बतलाएगा कि मैं कौन हूँ? हिन्दुस्तान तो फासिस्ट है… ये हमारे लिए एक लानत है और मैं इस लानत को स्वीकार नहीं करूँगा।”

आगे उसने हिन्दुस्तान के तमाम बादशाऊर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिनकी खोपड़ी में दिमाग है, वो अपने इलाके के तमाम लीडर को कहें कि वो कश्मीर के साथ खड़े हो जाएँ। अगर वो खड़ा नहीं होगा कश्मीर को खो देगा और उसे खोना सबके लिए शर्मनाक होगा। इसके साथ ही वो बार-बार ‘370 वापस लाओ’ के नारे लगाता है और कहता है कि उसे ‘आजादी चाहिए- इस पार भी और उस पार भी।’

गौरतलब है कि इससे पहले भी जेएनयू ऐसे ही कारणों के कारण 3 साल पहले भी सुर्खियों को हिस्सा बना था। जब 9 फरवरी 2016 को वहाँ जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत अन्य छात्र नेताओं ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को फाँसी पर लटकाए जाने के विरोध में कार्यक्रम आयोजित किया था। इस दौरान एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने आरोप लगाया था कि यहाँ ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और आतंकी ‘अफजल तेरे कातिल जिंदा हैं’, जैसे नारे लगे। जिसके बाद इस मामले पर बाकायदा कार्रवाई हुई। अभी फिलहाल इस मामले में दिल्ली की एक कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया