हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर ‘इस्लाम की शेरनी’ ने डाले थे अश्लील कंटेंट: फेसबुक-इंस्टाग्राम को दिल्ली HC का नोटिस

इंस्टाग्राम, फेसबुक और केंद्र सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस (फाइल फोटो)

दिल्ली हाईकोर्ट ने इंस्टाग्राम पर ‘इस्लाम की शेरनी’ हैंडल द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर ‘अत्यधिक घृणित और आपत्तिजनक समाग्रियों’ के प्रकाशन के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किया है। अधिवक्ता आदित्य सिंह देशवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम और इसकी ऑनर कम्पनी फेसबुक को नोटिस जारी किया। इस मामले की अगली सुनवाई अब 16 अगस्त को होगी।

जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने केंद्र, इंस्ट्रग्राम और फेसबुक से प्रतिक्रिया माँगी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए कंटेंट में न सिर्फ हिन्दू देवी-देवताओं के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया था, बल्कि कार्टून्स और ग्राफिक्स के रूप में उन्हें काफी अश्लील रूप में प्रदर्शित किया गया था। इंस्टाग्राम ने कोर्ट को बताया कि जिस कंटेंट को लेकर आपत्ति जताई गई है, उसे पहले ही प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है।

याचिकाकर्ता ने नए IT नियमों ‘(Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code), Rules, 2021’ का जिक्र करते हुए कहा कि इंस्टाग्राम ने इसे अब तक लागू नहीं किया है, ऐसे में उसे आदेश दिया जाए कि वो पूरी तरह से इन नियमों को लागू करे। हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है कि वो इंस्टाग्राम को ऐसी सामग्रियों से जुड़ी जानकारियों को लेकर सूचना दे, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

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ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट्स का प्रकाशन करने वाले हैंडल्स की जानकारी प्रशासन को देने के बाद उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सकती है, क्योंकि केवल पोस्ट को हटा देना ही एकमात्र निदान नहीं है। इंस्टाग्राम ने कहा है कि उसने नए IT नियमों के हिसाब से एक ग्रीवांस अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। लेकिन, याचिकाकर्ता ने कहा कि एक ही व्यक्ति को इंस्टाग्राम और फेसबुक, दोनों का ग्रीवांस अधिकारी बना दिया गया है।

याचिका में दलील दी गई है कि भारत में करोड़ों लोग इन दोनों प्लेटफॉर्म का प्रयोग करते हैं और इनका असर व्यापक है, ऐसे में एक ही व्यक्ति को दोनों का ग्रीवांस ऑफिसर नहीं बनाया जा सकता। वरिष्ठ अधिवक्ता जी तुषार राव और आयुष सक्सेना ने याचिकाकर्ता की तरफ से दलीलें पेश की, जबकि इंस्टाग्राम की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के अलावा वकीलों की एक पूरी फ़ौज थी। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा सहित दो अन्य वकीलों ने केंद्र का पक्ष रखा।

बता दें कि ‘इस्लाम की शेरनी’ हैंडल से हिन्दू देवी-देवताओं पर ऐसी टिप्पणी की गई थी, जिसे लिखा भी नहीं जा सकता। ये याचिका उन्हीं कंटेंट्स को आधार बना कर दायर की गई है। इसके अलावा हाल ही में सामने आए एक अन्य वीडियो में हैदराबाद के दो इंस्टाग्राम कंटेंट क्रिएटर्स भगवान शिव पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आए थे। वीडियो को Youel.in इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया