लॉकडाउन में घोटाले के आरोपित वाधवान परिवार को VIP ट्रीटमेंट: महाबलेश्वर भेजने पर घिरी महाराष्ट्र सरकार, 23 पुलिस हिरासत में

महाबलेश्वर से हिरासत में लिया गया वाधवान परिवार (फोटो साभार: ET)

कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश भर में लॉकडाउन जारी है। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हैं और मुंबई तो हॉटस्पॉट बना हुआ है। मुंबई में संक्रमित लोगों का आँकड़ा 1 हजार के ऊपर पहुँच गया है। एक तरफ महाराष्ट्र सरकार लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही है, लेकिन वहीं दूसरी तरह महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग द्वारा खुद नियमों की धज्जियाँ उड़ाने का मामाला सामने आया। महाराष्ट्र का गृह विभाग मुंबई के रसूखदार परिवारों पर इतना मेहरबान है कि एक या दो नहीं बल्कि पाँच कारों के साथ वाधवा परिवार के काफिले को मुंबई से महाबलेश्वर जाने की इजाजत दे दी।

जिसके बाद लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर कपिल वाधवान, धीरज वाधवान सहित पूरे परिवार पर केस दर्ज हो गया है। साथ ही उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया है। यह केस महाबलेश्वर के पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। बता दें कि मुंबई के प्रसिद्ध कारोबारी वाधवान ब्रदर्स लॉकडाउन के नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए 22 लोगों के साथ मुंबई से महाबलेश्वर पिकनिक मनाने गए थे। इसके लिए उन्हें महाराष्ट्र सरकार की ओर से पास भी जारी किए थे। इस मामले में लापरवाही को लेकर विशेष सचिव अमिताभ गुप्ता को छुट्टी पर भेज दिया गया है। वहीं विपक्ष महाराष्ट्र के गृहमंत्री के इस्तीफे की माँग कर रहा है।

इस घटना के बाद शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, क्योंकि राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों ने वाधवानों को फार्महाउस की यात्रा करने के लिए एक स्पेशल पास दिया था। 

वाधवान परिवार 9 अप्रैल की सुबह महाबलेश्वर पहुँचे थे। बता दें कि उन्होंने यह यात्रा ‘फैमिली इमरजेंसी’ की आड़ में की थी। स्थानीय लोगों को जब इसके बारे में पता चला तो उन्होंने प्रशासन को इसकी सूचना दी। जिसके बाद तहसीलदार ने फॉर्महाउस में रहने के दौरान ही उनके खिलाफ कार्रवाई की।

सतारा एसपी तेजस्विनी सतपुते ने पुष्टि की है कि वाधवान परिवार के सदस्यों को महाबलेश्वर से हिरासत में लिया गया था और उन्हें पंचगनी के एक सरकारी अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया था। सतपुते ने कहा कि उनके खिलाफ आईपीसी 188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है और जल्द ही जाँच शुरू होगी।

वाधवानों ने महाराष्ट्र के प्रधान सचिव (विशेष), गृह विभाग अमिताभ गुप्ता से ‘फैमिली इमरजेंसी’ का हवाला देते हुए खंडाला से महाबलेश्वर तक की यात्रा करने के लिए विशेष पास लिया था। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने डीएचएफएल के प्रवर्तकों कपिल और धीरज वाधवान को उनके परिवार के 22 अन्य सदस्यों, दोस्तों के साथ पाँच कारों में जाने के लिए मंजूरी दी थी।

अमिताभ गुप्ता द्वारा वाधवान परिवार को दिया गया फ्री पास

वाधवान परिवार को मंजूरी देने वाला पत्र भी सामने आया है। जिसमें महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग के विशेष सचिव और एडिशनल डीजीपी अमिताभ गुप्ता ने अपने आधिकारिक पत्र पर वाधवा परिवार के सदस्यों को ‘फैमिली इमरजेंसी’ के तहत खंडाला से महाबलेश्वर जाने की इजाजत दी है।

इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जाँच का आदेश दिया। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार की देर शाम इस मामले में जाँच की घोषणा की। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट किया, “इस बारे में जाँच की जाएगी कि वाधवान परिवार के 23 सदस्यों को खंडाला से महाबलेश्वर की यात्रा करने की अनुमति कैसे मिली।” इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार द्वारा भारी शर्मिंदगी झेलने के बाद गृह विभाग के विशेष सचिव और एडिशनल डीजीपी अमिताभ गुप्ता को तत्काल प्रभाव से अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया।

गौरतलब है कि डीएचएफएल के सीएमडी कपिल वाधवान और गैर-कार्यकारी निदेशक धीरज वाधवान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जाँच चल रही है, जिसमें कपिल वाधवान को ईडी ने गिरफ्तार भी किया था। फिलहाल वह जमानत पर हैं।

वहीं YES बैंक फर्जीवाड़े मामले में राणा कपूर के खिलाफ जाँच चल रही है, इसमें भी मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच के दायरे में अब वाधवान बंधु भी ईडी और सीबीआई के रडार पर हैं। पिछले महीने ईडी ने वाधवान बंधुओं को यस बैंक मामले में पूछताछ के लिए समन किया था। तब कपिल वाधवान ने ईडी को भेजे जवाब में कहा था, “मैं स्वास्थ्य परेशानियों से गुजर रहा हूँ कोरोना वायरस महामारी और मेरी उम्र के चलते मेरी पहले से खराब सेहत को अधिक जोखिम है। इसलिए मेरे लिए मुंबई की यात्रा करना मुश्किल है।” उनके भाई धीरज वाधवान ने भी कुछ इसी तरह का पत्र ईडी को भेजा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया