‘राम जन्मभूमि’ 29 मार्च को होगी रिलीज़, अब्दुल मेमन की धमकी के बावजूद सेंसर बोर्ड ने दी मंज़ूरी

शिया वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वसीम रिज़वी

शिया वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वसीम रिज़वी की फ़िल्म ‘राम जन्मभूमि’ को सेंसर बोर्ड की मंज़ूरी मिल गई है और 29 मार्च को रिलीज़ होने वाली है। रिज़वी द्वारा लिखित और निर्मित इस फ़िल्म में 1990 में राम मंदिर आंदोलन के बाद हुई घटनाओं को दर्शाया गया है। निक़ाह-हलाला जैसी सामाजिक बुराई को उजागर करने के लिए फ़िल्म में ख़ुद रिज़वी ने काम किया है।

रिज़वी ने बताया कि इस फ़िल्म की रिलीज़िंग से पहले ही उन्हें धमकियाँ मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें टाइगर मेमन के भाई अब्दुल मेमन द्वारा धमकी दी गई थी, जो 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में एक प्रमुख संदिग्ध था। फ़िल्म को कई धार्मिक समूहों के ग़ुस्से का सामना करना पड़ रहा है, जिससे इसके प्रदर्शन पर जमकर विरोध हो रहा है। इसके अलावा रिज़वी को राजकुमार याकूब हबीउद्दीन तुसी ने एक क़ानूनी नोटिस भेजा, जो ख़ुद को अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फर की छठी पीढ़ी के वंशज होने का दावा करता है, ने रिज़वी को फ़िल्म रिलीज़ न करने की चेतावनी दी, क्योंकि उसे लगता है कि यह फिल्म मुगल सम्राट बाबर का तिरस्कार करती है।

बाबरी मस्जिद को ‘देश का कलंक’ कहने के बाद रिज़वी को इस्लामी मौलवियों के कोप का सामना भी करना पड़ा। पिछले साल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के तीन संदिग्ध सहयोगियों को दिल्ली पुलिस के विशेष दल ने गिरफ़्तार किया था क्योंकि वे रिज़वी को मारने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने तीनों संदिग्धों के पास से हथियार भी बरामद किए थे।

बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर सभी मदरसों को बंद करने अपील की थी। इस पत्र में उन्होंने लिखा था कि मदरसों की शिक्षा छात्रों को आतंकवादी बनने के लिए प्रोत्साहित करती है। ऑल इंडिया फैज़ान-ए-मदीना काउंसिल (AIFMC) नामक एक मुस्लिम संगठन ने मदरसों पर अपनी टिप्पणी के बाद रिज़वी के सिर पर ₹10 लाख के इनाम की घोषणा कर दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया