सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के साथ हिंसा को गैर जमानती अपराध बनाया है। साथ ही ऐसा करने वाले को सात साल की सजा हो सकती है। लेकिन इसके बाद भी पुलिसकर्मियों पर हमले रूक नहीं रहे हैं। देश के कई हिस्सों से चिकित्साकर्मियों और पुलिस बल पर हमले की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल के हावड़ा से सामने आया है, जहाँ लॉकडाउन लागू करा रहे पुलिसकर्मियों पर लोगों ने हमला कर दिया।
बताया जा रहा है कि इस हमले में दो से तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। दरअसल यह घटना बेलिलियस रोड इलाके में मंगलवार (अप्रैल 28, 2020) दोपहर बाद घटी। जब पुलिस सड़क पर घूम रहे लोगों को घर में जाने के लिए कह रही थी तभी लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया।
https://twitter.com/iindrojit/status/1255122540957257728?ref_src=twsrc%5Etfwइसके अलावा हावड़ा के टिकियापारा इलाके में भारी भीड़ जमा हो गई थी। जब लॉकडाउन का उल्लंघन होता दिखा तो पुलिस वहाँ पहुँच गई। पुलिस ने इस दौरान भीड़ को वहाँ से हटाने की कोशिश की तो भीड़ में कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया और बोतलें भी फेंकीं गईं।
बताया जा रहा है कि अराजक तत्वों ने पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की है। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें भीड़ को पुलिस के ऊपर हमला करते हुए देखा जा सकता है। ये भीड़ इतनी बेकाबू और आक्रामक थी कि रैपिड एक्शन फोर्स की टीम को बुलानी पड़ी।
पुलिस पर पथराव की यह पहली घटना नहीं है। देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। सोमवार (अप्रैल 27, 2020) को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मस्जिद में नमाज पढ़ने को रोकने गई पुलिस पर लोगों ने पथराव किया। इस घटना में 1 पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामले में पुलिस ने अब तक 15 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस पर पथराव करने वाली भीड़ में महिलाएँ भी शामिल थीं।
वहीं शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर लॉकडाउन का उल्लंघन कर सामूहिक रूप से नमाज अदा की गई। बहराइच, शाहजहाँपुर में नमाजियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। फिरोजाबाद में घंटों मजहबी नारे लगाए। इसके बाद एम्बुलेंस को निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की गई। इसी तरह दिहवाकला स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने की सूचना मिली तो नमाजियों ने सिपाहियों पर हमला बोल दिया।