संदेशखाली में डर लग रहा तो राजभवन में आकर रहिए… राज्यपाल ने पीड़िताओं के लिए खोले दरवाजे, NCW चीफ बोलीं- बगैर राष्ट्रपति शासन के नहीं बदलेगा बंगाल

संदेशखाली पीड़िताओं को शरण देगा राजभवन, NCW अध्यक्ष रेखा शर्मा ने की राष्ट्रपति शासन की माँग (चित्र साभार: ABP & Deccan Herald)

संदेशखाली की पीड़िताओं के लिए पश्चिम बंगाल के राजभवन ने अपने दरवाजे खोल दिया है। कहा है कि जो खुद को वहाँ सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे यहाँ आकर रह सकते हैं। इनके रहने लिए राजभवन में ‘पीस होम’ बनाया गया है। इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि राष्ट्रपति शासन लगाए बिना पश्चिम बंगाल में हालात नहीं बदलेंगे।

संदेशखाली की महिलाओं ने टीएमसी के गुंडों पर प्रताड़ित करने और यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इसके बाद से यह जगह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है। खुद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी प्रभावित इलाके का दौरा किया था। पीड़िताओं के लिए राजभवन की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।

अब राजभवन ने इन्हें शरण देने का फैसला किया है। राज्यपाल के OSD संदीप राजपूत ने बताया है, “माननीय राज्यपाल ने हाल ही में संदेशखाली जाकर पीड़िताओं से मुलाक़ात की थी। वहाँ उन्होंने एक हेल्पलाइन नम्बर जारी किया था। इस नम्बर पर कई फ़ोन आ रहे हैं। इससे राज्यपाल को पीड़िताओं के लिए रहने के लिए सुरक्षित जगह मुहैया कराने की आवश्यकता महसूस हुई है। इसलिए यहाँ ‘पीस होम’ और ‘सेफ होम’ नाम से उनके रहने का प्रबन्ध किया गया है। अगर कोई संदेशखाली से आता है तो हम यहाँ रहने की व्यवस्था करेंगे। उनके लिए खाना-पीने सहित सारे इंतजाम किए जाएँगे।”

राजपूत ने बताया, “पीड़िताओं की राज्यपाल से बात हुई है। हमारी तैयारी पूरी है। जिन लोगों को आने में दिक्कत है तो उन्हें यहाँ लाने की व्यवस्था भी हम करेंगे। हम यहाँ से ट्रांसपोर्ट भेज सकते हैं। यहाँ 100-200 लोगों के रहने की व्यवस्था हो सकती है।”

शनिवार (17 फरवरी, 2024) को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा था कि संदेशखाली पीड़िताओं के लिए राजभवन के दरवाजे हमेशा खुले हैं। उन्होंने एक हेल्पलाइन नम्बर 033-22001641 भी जारी किया था। इससे पहले राजभवन ने पिछले वर्ष पंचायत चुनाव में हुई हिंसा के पीड़ितों को भी शरण दी थी। राज्यपाल ने कहा था कि संदेशखाली की महिलाएँ उनकी ‘राखी बहन’ हैं और वह उनके लिए सब कुछ अपनी शक्तियों के तहत करेंगे।

गौरतलब है कि बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता शेख शाहजहाँ और उसके समर्थकों के खिलाफ हाल ही में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बलात्कार, अपहरण, लूटपाट और जमीन कब्जाने के आरोप लगाए थे। अधिकांश पीड़ित महिलाएँ दलित-आदिवासी हैं। पीड़िताओं से राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्यों ने भी मुलाक़ात की है। इनसे महिलाओं ने अपने साथ हुई भयावहता साझा की है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने संदेशखाली पीड़िताओं से मुलाक़ात कर उनकी समस्याएँ जानी। इसके बाद वह राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मिलीं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “संदेशखाली की कई महिलाओं का यौन शोषण हुआ है। मुझे बलात्कार की दो घटनाओं के बारे में जानकारी मिली है। एक में आज ही शिकायत दर्ज हुई है। यहाँ तब तक कुछ नहीं बदलेगा जब तक राष्ट्रपति शासन नहीं लग जाता।”

इससे पहले ऐसी खबरें भी सामने आई था कि संदेशखाली की महिलाओं को शाहजहाँ के लोगों ने शिकायतों के बाद काफी परेशान किया है। बंगाल पुलिस पर एक पीड़िता की पहचान सोशल मीडिया पर उजागर करने का भी आरोप है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस वीभत्स कांड को भाजपा की साजिश बताने की कोशिश कर रही हैं। पत्रकारों को भी ममता सरकार परेशान कर रही है। 19 फरवरी, 2024 को रिपब्लिक बांग्ला के एक रिपोर्ट को लाइव कैमरे पर पुलिस उठा ले गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया