जंतर-मंतर पर डटे पहलवानों को मिला नीरज चोपड़ा और कपिल देव का साथ, खाप भी समर्थन में: WFH बोला- सब हुड्डा का करामात

बृजभूषण शरण सिंह और महिला पहलवान (साभार: टीवी 9)

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (WFI President Brijbhushan Sharan Singh) के खिलाफ महिला पहलवानों के प्रदर्शन को अन्य खिलाड़ियों का भी समर्थन मिला है। एथलीट नीरज चोपड़ा और पूर्व दिग्गज क्रिकेटर कपिलदेव भी इन पहलवानों के समर्थन में आए हैं। वहीं, महिला पहलवानों की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसके साथ ही हरियाणा कुश्ती संघ (WFH) के महासचिव ने इन पहलवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रहे पहलवानों कई राजनीतिक दलों और जाट समुदाय के खापों का भी समर्थन मिला है। वहीं, हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश कोच ने बृजभूषण शरण का समर्थन किया है। उन्होंने महावीर फोगाट परिवार पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उधर, एथलीट नीरज चोपड़ा ने कहा कि एथलीटों को सड़क पर न्याय की माँग करते हुए देखना दुखद है।

नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार (28 अप्रैल 2023) को ट्वीट कर कहा, “खिलाड़ी अपने देश का प्रतिनिधित्व करने और उसे गौरवान्वित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। एक राष्ट्र के रूप में हम हर व्यक्ति की गरिमा का ख्याल रखने के लिए जिम्मेदार हैं, चाहे वह एथलीट हो या नहीं। जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था। यह एक संवेदनशील मुद्दा है।”

नीरज चोपड़ा ने कहा कि इस मुद्दे को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाना चाहिए और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। नीरज चोपड़ा के इस ट्वीट पर पहलवान बजरंग पुनिया ने उन्हें धन्यवाद दिया।

वहीं, पूर्व क्रिकेटर कपिलदेव ने कहा ने भी पहलवानों को लेकर अपनी राय रखी। कपिलदेव ने अपने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में पहलवानों का समर्थन किया। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कपिलदेव ने लिखा, “क्या इन्हें कभी इंसाफ मिल पाएगा?”

उधर, हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश कोच ने महावीर फोगाट परिवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका परिवार कुश्ती संघ पर कब्जा करना चाहता है। राकेश कोच ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को WFI का अध्यक्ष बनवाना चाह रहे हैं। इसलिए वे खिलाड़ियों को भड़का रहे हैं।

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों पर निशाना साधते हुए राकेश कोच ने कहा कि ये खिलाड़ी किसी कार्यक्रम में आने के लिए पैसे लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा। कि बजरंग पुनिया सरकारी अधिकारी हैं और रेलवे की अनुमति के बिना वे धरने पर बैठे हैं। राकेश ने कहा कि विनेश फोगाट और साक्षी के साथ कुछ गलत नहीं हुआ।

उधर बृजभूषण शरण सिंह ने इन आरोपों के आगे झुकने के तैयार नहीं हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, “मित्रों, जिस दिन मैं अपने जीवन की समीक्षा करूँगा कि क्या खोया, क्या पाया और महसूस करूँगा कि मेरे संघर्ष करने की क्षमता अब समाप्त हो गई है, मैं लाचार हूँ, मैं बेचारा हूँ। उस दिन ऐसी जिंदगी जीना मैं पसंद नहीं करूँगा। मैं चाहूँगा कि ऐसी जिंदगी जीने के पहले मृत्यु मेरे करीब आ जाए।”  

बता दें कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार (27 अप्रैल 2023) को कहा था, “हमने 12 घंटे तक पहलवानों को सुना। 14 बैठकें कीं और एक समिति बनाई। हम भी निष्पक्ष जाँच चाहते हैं। सभी को एक निरीक्षण समिति के समक्ष अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।”

उन्होंने आगे बताया था, “समिति का प्रमुख निष्कर्ष निष्पक्ष चुनाव था। तब तक, एक तदर्थ समिति का गठन किया जाना चाहिए और एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना चाहिए।” बता दें कि अगले महीने के पहले सप्ताह में WFI के अध्यक्ष पद का चुनाव होना था, लेकिन विवाद के बाद उसे टाल दिया गया है।

गठित ओवरसाइट कमिटी ने खेल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट दे दी। रिपोर्ट आने के बाद महिला पहलवानों ने उसे सार्वजनिक करने की माँग की थी। तब समिति ने कहा कि खिलाड़ी उस पूरी रिपोर्ट को पढ़ चुके हैं और उस पर अपना हस्ताक्षर भी किए हैं। इसके बाद पहलवान बबीता फोगाट ने आरोप लगाया था कि उन्होंने पूरी रिपोर्ट नहीं पढ़ी।

बबीता फोगाट ने कहा था कि पूर्व खेल प्रशासक राधिका श्रीमन ने उन्हें पूरी रिपोर्ट पढ़ने नहीं दी और उसे छिन लिया था। उधर बजरंग पूनिया ने आरोप लगाया था कि रिपोर्ट पर बबीता फोगाट से जबरन हस्ताक्षर करवाए गए थे। बजरंग पूनिया ने पहलवानों के साथ राजनीति होने का आरोप लगाया।

इस बीच पहलवानों के धरने को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ (IOC) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ओलंपिक संघ ने कहा कि धरना देकर पहलवान भारत की छवि को धूमिल कर रहे हैं। IOC ने पहलवानों को एथलीट कमीशन में आने के लिए कहा। IOC की अध्यक्ष पीटी उषा ने तो इसे अनुशासनहीनता बताया था।

इस पर पहलवान साक्षी मलिक ने पीटी उषा पर ही सवाल दाग दिया। साक्षी मलिक ने गुरुवार (27 अप्रैल 2023) को कहा, “मैं पीटी उषा का सम्मान करती हूँ। उन्होंने हमें प्रेरित किया है, लेकिन मैं मैम से पूछना चाहती हूँ कि महिला पहलवानों ने आगे आकर उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है। क्या अब हम विरोध भी नहीं कर सकते?

बता दें कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया जैसे पहलवान 23 अप्रैल 2023 से जंतर-मंतर पर फिर से बैठे हैं। पहलवानों ने जनवरी में भी धरना दिया था। बाद में सरकार के साथ बातचीत में वे समिति की गठन की सहमति पर धरना खत्म कर दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया